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नज़्म
ख़्वाबों के गुलिस्ताँ की ख़ुश-बू-ए-दिल-आरा है
या सुब्ह-ए-तमन्ना के माथे का सितारा है
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
शहर के शहर का अफ़्साना वो ख़ुश-फ़हम मगर सादा मुसाफ़िर
कि जिन्हें इश्क़ की ललकार के रहज़न ने कहा: आओ!
नून मीम राशिद
नज़्म
घिसटते चले आए हैं रेंगते रेंगते
तक़द्दुस को अपनी मुआ'फ़ी की ख़ैरात देने के ख़ुश-फ़हम
फ़ैसल अज़ीम
नज़्म
मुतरिब-ए-ख़ुश-नवा पत्थरों से पटकता रहा अपना सर
मुतरिब-ए-ख़ुश-नवा पत्थरों को सुनाता रहा दर्द-ए-दिल
वहीद अख़्तर
नज़्म
इफ़्तिख़ार आरिफ़
नज़्म
बिलाल अहमद
नज़्म
मेरे जलते हुए सीने का दहकता हुआ चाँद
दिल-ए-ख़ूँ-गश्ता का हँसता हुआ ख़ुश-रंग गुलाब
अली सरदार जाफ़री
नज़्म
पेच-ओ-ख़म से बहने वाला दिल का दरिया ख़ुश्क है
वो भरी बरसात यानी चश्म-ए-बीना ख़ुश्क है
जोश मलीहाबादी
नज़्म
या'नी हर ज़र्रे से दुनिया के ख़ुशी है आश्कार
है मगर मेरा दिल-ए-सद-चाक अब तक बे-क़रार