आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "dil-e-naa-kardaa-kaar"
नज़्म के संबंधित परिणाम "dil-e-naa-kardaa-kaar"
नज़्म
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
सहने का दुख सह न सके हम कहने की बातें कह न सके
पास तिरे कभी आ न सके हम दूर भी तुझ से रह न सके
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
गुल से अपनी निस्बत-ए-देरीना की खा कर क़सम
अहल-ए-दिल को इश्क़ के अंदाज़ समझाने लगीं
सय्यदा शान-ए-मेराज
नज़्म
ग़र्क़ हसरत है दिल-ए-ना-शादमाँ तेरे बग़ैर
आ कि महरूम-ए-तरब हूँ जान-ए-जाँ तेरे बग़ैर
जौहर निज़ामी
नज़्म
देर से बैठे हो नख़्ल-ए-रास्ती की छाँव में
क्या ख़ुदा-ना-कर्दा कुछ मोच आ गई है पाँव में
जोश मलीहाबादी
नज़्म
आह में ऐ दिल-ए-मज़लूम असर पैदा कर
जिस में सौदा-ए-मोहब्बत हो वो सर पैदा कर
लाला अनूप चंद आफ़्ताब पानीपति
नज़्म
जो होता और कोई तो निकल जाता वो ग़ुस्से में
मगर हम बा-दिल-ए-ना-ख़्वास्ता बा-चश्म-ए-नम निकले