आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "miTe.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "miTe.n"
नज़्म
जिस तरह एक खिलौने पे मिटें दो बालक''
जिस तरह ग़म-ख़ाने पे पहुँची तो कुछ आया जो ख़याल
मुख़्तार सिद्दीक़ी
नज़्म
ज़ीशान साजिद
नज़्म
अपनी आँखों में जलाएँ हम मोहब्बत के चराग़
सब के ज़ेहनों से मिटें गुज़रे हुए लम्हों के दाग़
यूनुस मख़्मूर
नज़्म
क़हर तो ये है कि काफ़िर को मिलें हूर ओ क़ुसूर
और बेचारे मुसलमाँ को फ़क़त वादा-ए-हूर
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
कि जब खमीर-ए-आब-ओ-गिल से वो जुदा हुए
तो उन को सम्त-ए-राह-ए-नौ की कामरानियाँ मिलें