आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "miloge"
नज़्म के संबंधित परिणाम "miloge"
नज़्म
किस रोज़ अब मिलोगे इक दिन करो मुक़र्रर
कुछ उज़्र हो तो आएँ हम ख़ुद तुम्हारे घर पर
मिर्ज़ा मोहम्मद हादी अज़ीज़ लखनवी
नज़्म
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
हम उन को देते हैं बे-जान और ग़लत तालीम
मिलेगा इल्म-ए-जिहालत-नुमा से क्या उन को
फ़िराक़ गोरखपुरी
नज़्म
ग़ुंचे हमारे दिल के इस बाग़ में खिलेंगे
इस ख़ाक से उठे हैं इस ख़ाक में मिलेंगे
चकबस्त बृज नारायण
नज़्म
किस के चेहरे में तलाशूँ तेरे चेहरे की झलक
किस के आँचल में मिलेगी तेरी ममता की महक
शहनाज़ परवीन शाज़ी
नज़्म
हर एक लम्हा गुरेज़ाँ है, जैसे दुश्मन है
न तुम मिलोगी न मैं, हम भी दोनों लम्हे हैं