आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "nigar"
नज़्म के संबंधित परिणाम "nigar"
नज़्म
कोई अंदाज़ा कर सकता है उस के ज़ोर-ए-बाज़ू का
निगाह-ए-मर्द-ए-मोमिन से बदल जाती हैं तक़दीरें
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
नागाह लहकते खेतों से टापों की सदाएँ आने लगीं
बारूद की बोझल बू ले कर पच्छिम से हवाएँ आने लगीं
साहिर लुधियानवी
नज़्म
हम ने ख़ुद शाही को पहनाया है जमहूरी लिबास
जब ज़रा आदम हुआ है ख़ुद-शनास-ओ-ख़ुद-निगर
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
हक़ तिरा चश्मे अता कर दस्त-ए-ग़ाफ़िल दर निगर
मोम्याई की गदाई से तो बेहतर है शिकस्त
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
अली सरदार जाफ़री
नज़्म
ऐ कि ख़्वाबीदा तिरी ख़ाक में शाहाना वक़ार
ऐ कि हर ख़ार तिरा रू-कश-ए-सद-रू-ए-निगार
जोश मलीहाबादी
नज़्म
जान लिया ऐ अहल-ए-करम तुम टोली हो अय्यारों की
दस्त-ए-निगर क्यूँ बन के रहे ये बस्ती है ख़ुद्दारों की
हबीब जालिब
नज़्म
सितारा-ए-सुब्ह की रसीली झपकती आँखों में हैं फ़साने
निगार-ए-महताब की नशीली निगाह जादू जगा रही है