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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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मुन्तख़ब मजीद अमजद

आधुनिक उर्दू शायरी के

संस्थापकों में विख्यात.

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तौसी-ए-शहर

बीस बरस से खड़े थे जो इस गाती नहर के द्वार

मजीद अमजद

ऑटोग्राफ़

खिलाड़ियों के ख़ुद-नविश्त दस्तख़त के वास्ते

मजीद अमजद

मंटो

मैं ने उस को देखा है

मजीद अमजद

बुंदा

काश मैं तेरे बुन-ए-गोश में बुंदा होता

मजीद अमजद

ऐ री चिड़िया

जाने इस रौज़न में बैठे बैठे

मजीद अमजद

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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