तरक़्क़ीपसंद तहरीक के चंद शायरों की ग़ज़लें
तरक़्क़ीपसंद का दौर वो
दौर था, जब सारे अदीब- शायर हमारे समाज को बेहतर बनाने की कोशिश में नग़मे बुन रहे थे | यहाँ उस समय के चंद शायर की चंद ग़ज़लें दी जा रही हैं |
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
दौर था, जब सारे अदीब- शायर हमारे समाज को बेहतर बनाने की कोशिश में नग़मे बुन रहे थे | यहाँ उस समय के चंद शायर की चंद ग़ज़लें दी जा रही हैं |
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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