Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

गुलज़ार शायरी

सम्पूर्ण सिंह/प्रमुख

फि़ल्म निर्माता और निर्देशक, फि़ल्म गीतकार और कहानीकार/मिजऱ्ा गालिब पर टीवी सीरियल के लिए प्रसिद्ध/साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त।

13.4K
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

अलाव

रात-भर सर्द हवा चलती रही

गुलज़ार

ग़ालिब

बल्ली-मारां के मोहल्ले की वो पेचीदा दलीलों की सी गलियाँ

गुलज़ार

आदत

साँस लेना भी कैसी आदत है

गुलज़ार

रूह देखी है कभी!

रूह देखी है?

गुलज़ार

किताबें

किताबें झाँकती हैं बंद अलमारी के शीशों से

गुलज़ार

गिरहें

मुझ को भी तरकीब सिखा कोई यार जुलाहे

गुलज़ार

दस्तक

सुब्ह सुब्ह इक ख़्वाब की दस्तक पर दरवाज़ा खोला' देखा

गुलज़ार

उर्दू ज़बाँ

ये कैसा इश्क़ है उर्दू ज़बाँ का

गुलज़ार

आदमी बुलबुला है

आदमी बुलबुला है पानी का

गुलज़ार

रात

मिरी दहलीज़ पर बैठी हुई ज़ानू पे सर रक्खे

गुलज़ार

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए