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स्वाधीनता दिवस

नज़्मों का यह संकलन स्वाधीनता

दिवस को ध्यान में रख कर बनाया गया है | इसे पढ़ते हुए हम भारतीय इतिहास और संस्कृति से ओत प्रोत हो जाते हैं |

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सुब्ह-ए-आज़ादी (अगस्त-47)

ये दाग़ दाग़ उजाला ये शब-गज़ीदा सहर

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

पंद्रह अगस्त

यही जगह थी यही दिन था और यही लम्हात

जावेद अख़्तर

पंद्रह अगस्त

फ़र्द फ़र्द मस्त है

जमील फ़ातमी

पंद्रह-अगस्त

ऐ लैला-ए-जम्हूरियत

ओवेस अहमद दौराँ

15 अगस्त

हर सू है बहार-ए-माह-ए-अगस्त

शौकत परदेसी

पंद्रह अगस्त

ख़ुशियों के गीत गाओ कि पंद्रह अगस्त है

मफ़तूं कोटवी

पंद्रह अगस्त

घटा है घनघोर रात काली फ़ज़ा में बिजली चमक रही है

नज़ीर बनारसी

15 अगस्त (1949)

जब ख़ुर्शीद-ए-आज़ादी की फूटी थी किरन वो दिन आया

अर्श मलसियानी

पंद्रह अगस्त

अहिंसा की शमशीर चमकी इसी दिन

मसूदा हयात

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