मिर्ज़ा ग़ालिब की ज़मीन पर चंद बेहतरीन ग़ज़लें
मिर्ज़ा ग़लिब ने कई पीढ़ियों
के शायरों को मुतास्सिर किया है| शायर उनके मज़ामीन, उस्लूब और ज़बान से काफ़ी कुछ सीखते रहे | यही वजह है कि शायरों ने उनकी ज़मीन में कई ग़ज़लें कही और अपना ख़िराज पेश किया | हम ऐसी ही चंद ग़ज़लें आपके साथ आपके साथ साझा कर रहे हैं |