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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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मिर्ज़ा ग़ालिब की ज़मीन पर चंद बेहतरीन ग़ज़लें

मिर्ज़ा ग़लिब ने कई पीढ़ियों

के शायरों को मुतास्सिर किया है| शायर उनके मज़ामीन, उस्लूब और ज़बान से काफ़ी कुछ सीखते रहे | यही वजह है कि शायरों ने उनकी ज़मीन में कई ग़ज़लें कही और अपना ख़िराज पेश किया | हम ऐसी ही चंद ग़ज़लें आपके साथ आपके साथ साझा कर रहे हैं |

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मुज़फ्फ़र अहमद मुज़फ्फ़र

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