निदा फ़ाज़ली शायरी
महत्वपूर्ण आधुनिक शायर
और फ़िल्म गीतकार। अपनी ग़ज़ल ' कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता ' के लिए प्रसिध्द।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
और फ़िल्म गीतकार। अपनी ग़ज़ल ' कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता ' के लिए प्रसिध्द।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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