क़िता
ऐसे अशआर का मजमूआ जिस
में शायर ऐसे दो शेर कहे जिनका एक अर्थ निकलता है। जिसमे दूसरे शेर का अर्थ पहले शेर के अर्थ पर आधारित हो। ऐसे दो शेरो को हम क़िता कहते हैं। अगर एक ग़ज़ल में एक से ज़ियादा क़त'आत का इस्तिमाल हुआ हो तो उस ग़ज़ल को क़िता-बन्द ग़ज़ल कहते हैं।