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बलराज कोमल की 10 मशहूर नज़्में

अग्रणी आधुनिक शायर और

कहानिकार, भारत में आधुनिक उर्दू नज़्म के विकास में महत्वपूर्ण यागदान, पद्मश्री से सम्मानित।

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जंग

तीरगी में भयानक सदाएँ उठीं

बलराज कोमल

सबा के हाथ पीले हो गए

सबा के हाथ पीले हो गए

बलराज कोमल

एक औरत

वो मौज इक मक़ाम से

बलराज कोमल

परिंदों भरा आसमान

लोग कहते हैं

बलराज कोमल

सालगिरह

दम-ए-उम्र-ए-रवाँ का दायरा

बलराज कोमल

विसाल

तेरी क़ुर्बत की लज़्ज़त-ए-शीरीं

बलराज कोमल

दीवारें

कहते हैं सब लोग

बलराज कोमल

परिंदा

परिंदा आसमाँ की नीलगूँ मेहराब के उस पार जाता है

बलराज कोमल

ये ज़र्द बच्चे

घरों की रौनक़

बलराज कोमल

बुज़दिल

दयार-ए-बर्ग-ए-रा'ना से

बलराज कोमल

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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