परेशानी का सबब
यह अफ़साना एक ऐसे शख़्स की दास्तान बयान करता है जो अपने एक दोस्त के साथ घूमने जा रहा होता है। रास्ते में उसका दोस्त एक वेश्या के घर रुक जाता है। वहाँ उस वेश्या के साथ उनका झगड़ा हो जाता है। वेश्या उन सब लोगों के ख़िलाफ़़ मुक़द्दमा कर देती है। इस मुकद्दमे के चलते वह एक ऐसी परेशानी में घिर जाता है जिससे निकलने का उसे कोई रास्ता नज़र नहीं आता।
सआदत हसन मंटो
तक़ी कातिब
अफ़साना एक ऐसे मौलाना की दास्तान बयान करता है जो अपने जवान बेटे की शादी के ख़िलाफ़़ है। जवानी में उसकी बीवी की मौत हो गई थी और उसने ही बेटे को माँ और बाप दोनों बनकर पाला था। मगर अब वह जवान हो गया था और उसे एक औरत की शदीद ज़रूरत थी। पर मौलाना थे कि उसकी शादी ही नहीं करना चाहते थे। जहाँ भी उसकी शादी की बात चलती, वह किसी न किसी बहाने से उसे रुकवा देते। आख़िर में उसने मौलाना के ख़िलाफ़़ जाकर शादी कर ली और उन्हें छोड़कर दिल्ली चला गया। वहाँ जाकर उसने अपने मौलवी पिता की ख़ैरियत जानने के लिए ख़त लिखा और साथ ही सलाह दी कि वह भी अपनी शादी कर लें।
सआदत हसन मंटो
डॉक्टर शिरोडकर
यह बंबई स्थित एक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की ज़िंदगी पर आधारित कहानी है। दो मंज़िलों में बना यह अस्पताल बंबई का सबसे मशहूर अस्पताल है। उसके अस्पताल में हर चीज़ गुणवत्ता में नंबर एक है। अस्पताल को समर्पित डॉक्टर एक तरह से अपनी ज़िंदगी को भूल ही गया है। उसके पास इतना भी वक़्त नहीं होता कि वह ठीक से सो भी सके। अस्पताल की नर्सें उसकी तन्हा ज़िंदगी को देखकर परेशान रहती हैं। तभी अस्पताल में एक लड़की एबॉर्शन करवाने आती है। वह डॉक्टर को इतनी भाती है कि डॉक्टर उस लड़की से शादी कर लेता है।