Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

आधुनिक समाज पर कहानियाँ

हम लोग

क़ुर्रतुलऐन हैदर

एक क़त्ल की कोशिश

इक़बाल मजीद

आसमाँ भी है सितम-ईजाद क्या

क़ुर्रतुलऐन हैदर

इँ दफ़्तर-ए-बेमाना...

क़ुर्रतुलऐन हैदर

मॉडल टाउन

हसद की आग में जलते एक नौजवानी की कहानी, वह जानता है कि जिस लड़की से वह शादी कर रहा है वह किसी और से प्यार करती है। फिर भी वह नौकरी के लालच में आकर उससे शादी कर लेता है और मॉडल टाउन में आकर बस जाता है। एक रोज़ बस में सफ़र करते हुए उसे वही शख़्स मिल जाता है जिससे उसकी बीवी मोहब्बत करती है। वह शख़्स उस नौजवान को शाम को रीगल सिनेमा पर मिलने के लिए कहता है। नौजवान शाम को वहाँ पहुँच जाता है लेकिन वह शख्स नहीं आता है। फ़िल्म देखकर वह वापस घर आता है और बद-हवासी में तरह-तरह के ख़्याल उसके दिमाग़ में तारी हो जाते हैं। वह मॉडल टाउन जाना चाहता है, लेकिन अपनी उस अजीब-ओ-ग़रीब कैफ़ियत में वह क्या वाक़ई मॉडल टाउन जा पाता है...? यह तो कहानी पढ़कर ही पता चल पाता है।

क़ाज़ी अबदुस्सत्तार

ये ग़ाज़ी ये तेरे पुर-अस्रार बन्दे

यह कहानी पश्चिमी जर्मनी में जा रही एक ट्रेन से शुरू होती है। ट्रेन में पाँच लोग सफ़र कर रहे हैं। उनमें एक ब्रिटिश प्रोफे़सर है और उसके साथ उसकी बेटी है। साथ में एक कनाडाई लड़की और एक ईरानी प्रोफेसर हैं। शुरू में सब ख़ामोश बैठे रहते हैं। फिर धीरे-धीरे आपस में बातचीत करने लगता है। बातचीत के दौरान ही कनाडाई लड़की ईरानी प्रोफे़सर को पसंद करने लगती है। ट्रेन का सफ़र ख़त्म होने के बाद भी वे मिलते रहते हैं और अपने ख़ानदानी शजरों की उधेड़-बुन में लगे रहते हैं। उसी उधेड़-बुन में वे एक-दूसरे के क़रीब आते हैं और एक ऐसे रिश्ते में बंध जाते हैं जिसे कोई नाम नहीं दिया जाता। चारों तरफ जंग का माहौल है। ईरान में आंदोलन हो रहे हैं। इसी बीच एक दिन एयरपोर्ट पर धमाका होता है। उस बम-धमाके में ईरानी प्रोफे़सर और उसके साथी मारे जाते हैं। उस हादसे का कनाडाई लड़की पर जो असर पड़ता है वही इस कहानी का निष्कर्ष है।

क़ुर्रतुलऐन हैदर

ये बातें

क़ुर्रतुलऐन हैदर

मिसेस डिकोस्टा

यह एक ईसाई औरत की कहानी है, जिसे अपनी पड़ोसन के गर्भ में बहुत ज़्यादा दिलचस्पी है। गर्भवती पड़ोसन के दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन बच्चा है कि पैदा होने का नाम ही नहीं ले रहा है। मिसेज़ डिकोस्टा हर रोज़़ उससे बच्चे की पैदाइश के बारे में पूछती है। साथ ही उसे मोहल्ले भर की ख़बरें भी बताती जाती है। उन दिनों देश में शराब-बंदी क़ानून की माँग बढ़ती जा रही थी, जिसके कारण मिसेज़ डिकोस्टा बहुत परेशान थी। फिर भी वह अपनी गर्भवती पड़ोसन का बहुत ख़याल करती है। एक दिन उसने पड़ोसन को घर बुलाया और उसका पेट देखकर बताया कि बच्चा कितने दिनों में और क्या (लड़का या लड़की) पैदा होगा।

सआदत हसन मंटो

पेशाब घर आगे है

इक़बाल मजीद

फ़ोटोग्राफ़र

उत्तर-पूर्व के एक शांत क़स्बे में स्थित एक डाक-बंगले के फ़ोटोग्राफ़र की कहानी। फ़ोटोग्राफ़र ज़्यादा टूरिस्टों के न होने के बाद भी अपने क़स्बे में जमा रहता है। डाक-बंगले में इक्का-दुक्का टूरिस्ट आते हैं जिनसे काम के लिए उसने डाक-बंगले के माली से समझौता कर लिया है। उन्हीं टूरिस्टों में एक शाम एक नौजवान और एक लड़की डाक-बंगले में आते हैं। नौजवान मशहूर संगीतकार है और लड़की मशहूर-तरीन नृत्यांगना। दोनों खुश हैं और अगले दिन बाहर घूमने जाते वक़्त वे फ़ोटोग्राफ़र से फोटो भी खिंचवाते हैं, लेकिन लड़की उसे ले जाना भूल जाती है। पंद्रह साल बाद इत्तेफ़ाक़ से वह फिर उसी डाक-बंगले में आती है और फ़ोटोग्राफ़र को वहीं पाकर हैरान होती है। फ़ोटोग्राफ़र भी उसे पहचान लेता है और उसके साथी के बारे में पूछता है। साथी, जो ज़िंदगी की भीड़ में कहीं खो गया और उसे खोए हुए भी मुद्दत हो गई है...

क़ुर्रतुलऐन हैदर

जहाँ कारवाँ ठेहरा था

क़ुर्रतुलऐन हैदर

रक़स-ए-शरर

क़ुर्रतुलऐन हैदर

सब अकेले हैं

इक़बाल मजीद

टूटते तारे

क़ुर्रतुलऐन हैदर

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए