उर्दू पर क़तआ'त

उर्दू सिर्फ़ भाषा ही

नहीं बल्कि भारतवर्ष की फैली हुई संस्कृति के मिठास का एक रंग है । कोई भी रचनाकार जिस ज़बान में लिखता है उस से उसका स्वाभाविक प्रेम होता है । इस प्रेम को वो अपनी लेखनी में उजागर करता है । उर्दू शायरों ने भी अपनी शायरी में उर्दू प्रेम का इज़हार किया है और इस भाषा की ख़ूबियों का वर्णन भी किया हैं । शायरों अपनी शायरी में ज़बान के सामाजिक और राजनितिक रिश्तों के बारे में लिखते हुये रिश्तों की बदलती सूरतों को भी विषय बनाया है । यहाँ उर्दू पर प्रस्तुत शायरी में आप इन बातों को महसूस करेंगे ।

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

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