शराब पर उद्धरण

मैं अदब और फ़िल्म को एक ऐसा मय-ख़ाना समझता हूँ, जिसकी बोतलों पर कोई लेबल नहीं होता।

सआदत हसन मंटो

मैं अफ़्साना इस लिए लिखता हूँ कि मुझे अफ़्साना निगारी की शराब की तरह लत पड़ गई है। मैं अफ़्साना ना लिखूँ तो मुझे ऐसा महसूस होता है कि मैंने कपड़े नहीं पहने, या मैंने ग़ुसल नहीं किया, या मैं ने शराब नहीं पी।

सआदत हसन मंटो

चोर उचक्के रहज़न और वेश्याएं बग़ैर शराब के ज़िंदा नहीं रह सकतीं।

सआदत हसन मंटो

शराब, अफ़ीम, चरस, भंग और तंबाकू का आलमगीर इस्तेमाल इस लिए नहीं होता कि ये चीज़ें फ़र्हत या दिल-बस्तगी का सामान मुहय्या करती हैं, बल्कि उनका इस्तेमाल सिर्फ़ इस लिए किया जाता है कि ज़मीर के मुतालिबात से ख़ुद को छुपा लिया जाये।

सआदत हसन मंटो

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

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