तज़्मीन
तज़मीन का शाब्दिक अर्थ मिलाना है। इस लिहाज़ से किसी मिसरे या शेर पर मिसरे लगाना तज़मीन कहलाता है।
1723 -1810
उर्दू के पहले बड़े शायर जिन्हें 'ख़ुदा-ए-सुख़न' (शायरी का ख़ुदा) कहा जाता है