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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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आशुफ़्ता चंगेज़ी

1956 - 1996 | अलीगढ़, भारत

प्रख्यात उत्तर-आधुनिक शायर, 1996 में अचानक लापता हो गए।

प्रख्यात उत्तर-आधुनिक शायर, 1996 में अचानक लापता हो गए।

आशुफ़्ता चंगेज़ी

ग़ज़ल 33

नज़्म 14

अशआर 36

हमें भी आज ही करना था इंतिज़ार उस का

उसे भी आज ही सब वादे भूल जाने थे

किस की तलाश है हमें किस के असर में हैं

जब से चले हैं घर से मुसलसल सफ़र में हैं

सवाल करती कई आँखें मुंतज़िर हैं यहाँ

जवाब आज भी हम सोच कर नहीं आए

तुझ से बिछड़ना कोई नया हादसा नहीं

ऐसे हज़ारों क़िस्से हमारी ख़बर में हैं

बुरा मत मान इतना हौसला अच्छा नहीं लगता

ये उठते बैठते ज़िक्र-ए-वफ़ा अच्छा नहीं लगता

पुस्तकें 4

 

चित्र शायरी 8

 

ऑडियो 11

अजब रंग आँखों में आने लगे

ख़बर तो दूर अमीन-ए-ख़बर नहीं आए

गुज़र गए हैं जो मौसम कभी न आएँगे

Recitation

 

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