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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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उबैदुल्लाह अलीम

1939 - 1998 | कराची, पाकिस्तान

पाकिस्तान के अग्रणी आधुनिक शायरों में शामिल।

पाकिस्तान के अग्रणी आधुनिक शायरों में शामिल।

उबैदुल्लाह अलीम

ग़ज़ल 49

नज़्म 16

अशआर 48

अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए

अब इस क़दर भी चाहो कि दम निकल जाए

आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगा

जाने वाले तू हमें याद बहुत आएगा

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ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक देखूँ

काश तुझ को भी इक झलक देखूँ

दुआ करो कि मैं उस के लिए दुआ हो जाऊँ

वो एक शख़्स जो दिल को दुआ सा लगता है

हवा के दोश पे रक्खे हुए चराग़ हैं हम

जो बुझ गए तो हवा से शिकायतें कैसी

पुस्तकें 5

 

चित्र शायरी 25

वीडियो 46

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वीडियो का सेक्शन
हास्य वीडियो
जहाँ तेरा नक़्श-ए-क़दम देखते हैं

उबैदुल्लाह अलीम

मोहब्बत अब नहीं होगी

सितारे जो दमकते हैं उबैदुल्लाह अलीम

ऑडियो 12

अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए

अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए

कुछ तो बताओ शाइर-ए-बेदार क्या हुआ

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