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शायरों,कलाकारों और लेखकों के वीडियो
रेख़्ता स्टूडियो समस्त
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Anwar Shuoor in conversation with Zamarrud Mughal for Rekhta.org अनवर शऊर
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A discussion about Faiz Ahmad Faiz between Anwar Shuoor and Zamarrud Mughal for Rekhta.org अनवर शऊर
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A discussion about Jaun Eliya between Anwar Shuoor and Zamarrud Mughal for Rekhta.org अनवर शऊर
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Satyapal Anand in conversation with Zamarrud Mughal for Rekhta.org-Part-2 सत्यपाल आनंद
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Satyapal Anand in conversation with Zamarrud Mughal for Rekhta.org-Part-1 सत्यपाल आनंद
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Amjad Islam Amjad in conversation with Zamarrud Mughal at Rekhta.org अमजद इस्लाम अमजद
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Satyapal Anand in conversation with Zamarrud Mughal for Rekhta.org-Part-2 सत्यपाल आनंद
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Satyapal Anand in conversation with Zamarrud Mughal for Rekhta.org-Part-1 सत्यपाल आनंद
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Amjad Islam Amjad in conversation with Zamarrud Mughal at Rekhta.org अमजद इस्लाम अमजद
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रेखा भारद्वाज
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रेखा भारद्वाज
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Geeton jaise rang हम्माद नियाज़ी
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दिल के सूने सहन में गूँजी आहट किस के पाँव की हम्माद नियाज़ी
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Wo chand chehre jo subh ban kar chahar janib chamak rahe the हम्माद नियाज़ी
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Tanhaai हम्माद नियाज़ी
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Rakht e Hairat gawaiyega nahi हम्माद नियाज़ी
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Naql Makani हम्माद नियाज़ी
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Har ek manzar badal raha tha हम्माद नियाज़ी
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Ye shehr e wafa aur bhi veeran to hota गुलनार आफ़रीन
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Ye aur baat hai tumhe pakar gawa dya गुलनार आफ़रीन
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Tashdid e Wafa गुलनार आफ़रीन
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Rooh e Mustari गुलनार आफ़रीन
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Jeene ka maza gardishe aiyam na aya गुलनार आफ़रीन
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Zere zameen dabi hui शमीम हनफ़ी
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Phir Aansuon ki zarurat na Chashm e Tar ko hui मुनव्वर राना
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Kaam aayegi kabhi yahi thokar lagi hui मुनव्वर राना
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Agar Daulat se hi sab qad ka andaza lagate hain मुनव्वर राना
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यूँ देखिए तो आँधी में बस इक शजर गया राजेश रेड्डी
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ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ राजेश रेड्डी
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यहाँ हर शख़्स हर पल हादसा होने से डरता है राजेश रेड्डी
शायरसमस्त
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नशात-ए-दर्द के मौसम में गर नमी कम है पी पी श्रीवास्तव रिंद
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चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया परवीन शाकिर
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अकेले हैं वो और झुँझला रहे हैं ख़ुमार बाराबंकवी
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वो भी सराहने लगे अर्बाब-ए-फ़न के बा'द कैफ़ी आज़मी
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इंटरनेट-स्थान की मलिका सरवत ज़ेहरा
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फ़रहत एहसास फ़रहत एहसास
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अब भी तौहीन-ए-इताअत नहीं होगी हम से इफ़्तिख़ार आरिफ़
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दुनिया के सितम याद न अपनी ही वफ़ा याद जिगर मुरादाबादी
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Qatiil Shifai reading in a mushaira क़तील शिफ़ाई
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बहुत दिनों से मिरे बाम-ओ-दर का हिस्सा है ख़ुशबीर सिंह शाद
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दुख फ़साना नहीं कि तुझ से कहें अहमद फ़राज़
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इक़बाल अशहर इक़बाल अशहर
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ज़िंदगी जैसी तवक़्क़ो' थी नहीं कुछ कम है शहरयार
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शारिक़ कैफ़ी शारिक़ कैफ़ी
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एक ही आवाज़ पर वापस पलट आएँगे लोग किश्वर नाहीद
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Gulzar Dehlvi (Reciting poetry_Part 1) गुलज़ार देहलवी
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हम को जुनूँ क्या सिखलाते हो हम थे परेशाँ तुम से ज़ियादा मजरूह सुल्तानपुरी
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दस्तूर हबीब जालिब
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अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए उबैदुल्लाह अलीम
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यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो बशीर बद्र
ग़ज़ल गायकसमस्त
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'इंशा'-जी उठो अब कूच करो इस शहर में जी को लगाना क्या इब्न-ए-इंशा
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उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया मीर तक़ी मीर
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साज़ ये कीना-साज़ क्या जानें दाग़ देहलवी
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वही मेरी कम-नसीबी वही तेरी बे-नियाज़ी अल्लामा इक़बाल
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वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो मोमिन ख़ाँ मोमिन
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'अजीब सानेहा मुझ पर गुज़र गया यारो शहरयार
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जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे वली दकनी
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नज़र-नवाज़ नज़ारों में जी नहीं लगता शकील बदायूनी
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सब क़त्ल हो के तेरे मुक़ाबिल से आए हैं फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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आदमी आदमी से मिलता है जिगर मुरादाबादी
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हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह मजरूह सुल्तानपुरी
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दाइम पड़ा हुआ तिरे दर पर नहीं हूँ मैं मिर्ज़ा ग़ालिब
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न किसी की आँख का नूर हूँ न किसी के दिल का क़रार हूँ मुज़्तर ख़ैराबादी
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गुल फेंके है औरों की तरफ़ बल्कि समर भी मोहम्मद रफ़ी सौदा
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नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है अकबर इलाहाबादी
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तुम आए हो न शब-ए-इंतिज़ार गुज़री है फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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मिरी दास्तान-ए-हसरत वो सुना सुना के रोए सैफ़ुद्दीन सैफ़
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ले चला जान मिरी रूठ के जाना तेरा दाग़ देहलवी
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उज़्र आने में भी है और बुलाते भी नहीं दाग़ देहलवी
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देख तो दिल कि जाँ से उठता है मीर तक़ी मीर
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आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा अहमद फ़राज़
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ये मो'जिज़ा भी मोहब्बत कभी दिखाए मुझे क़तील शिफ़ाई
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ना-रवा कहिए ना-सज़ा कहिए दाग़ देहलवी
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चलते हो तो चमन को चलिए कहते हैं कि बहाराँ है मीर तक़ी मीर
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हैराँ हूँ दिल को रोऊँ कि पीटूँ जिगर को मैं मिर्ज़ा ग़ालिब
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गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर अल्लामा इक़बाल
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न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश दिल-ए-रेज़ा-रेज़ा गँवा दिया फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई जिगर मुरादाबादी
इंटरव्यू और डॉक्यूमेंट्री फिल्मेंसमस्त
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रेखा भारद्वाज
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Geeton jaise rang हम्माद नियाज़ी
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Ye shehr e wafa aur bhi veeran to hota गुलनार आफ़रीन
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Phir Aansuon ki zarurat na Chashm e Tar ko hui मुनव्वर राना
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यूँ देखिए तो आँधी में बस इक शजर गया राजेश रेड्डी
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Na to daulat hai na deenar na dirham rakhte hain शकील शम्सी
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Ye baatein ab raaz rahengi अली अकबर नातिक़
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तुझ को ख़िफ़्फ़त से बचा लूँ पानी अता आबिदी
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Dhruv Sangari inconversation with Zamarrud Mughal ध्रुव संगारी
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Shahid Rassam in conversation with Zamarrud Mughal for Rekhta.org_Part-2 शाहिद रस्साम
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अहम आँखें हैं या मंज़र खुले तो शमीम अब्बास
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जाने क़लम की आँख में किस का ज़ुहूर था अब्दुल अहद साज़
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छीन ले क़ुव्वत बीनाई ख़ुदाया मुझ से सुल्तान अख़्तर
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ज़ेर-ए-ज़मीं दबी हुई ख़ाक को आसाँ कहो शमीम हनफ़ी
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सुख़न जो उस ने कहे थे गिरह से बाँध लिए फ़ाज़िल जमीली
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Prof Ishtiyaq Ahmad Zilli Interview at Rekhta Studio इश्तियाक अहमद ज़िल्ली
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Jab bhi koi sitara toota Ghazal Sradar Anjum recite by Tom Alter at Rekhta टॉम आल्टर
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सिद्दीक आलम
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Asghar Nadeem Syed Interview at Rekhta Studio असग़र नदीम सय्यद
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Gopi Chand Narang Interview at Rekhta Studio_Part-3 गोपी चंद नारंग
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इरफ़ान सत्तार
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Fahad Husain
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रहमान फ़ारिस
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अंबरीन हसीब अंबर
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फ़रहत एहसास
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ज़िया मोहीउद्दीन
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Basir Sultan Kazmi in conversation with Obaid Siddiqui at Rekhta Studio बासिर सुल्तान काज़मी
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Pirzada Qasim in conversation with Dr. Zamarrud Mughal for Rekhta.org पीरज़ादा क़ासीम
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Zara apne pairon se hawa ke jute utaar शबनम अशाई
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Ye nashe aagahi khatarnak hai sar mein मोहम्मद आज़म
फ़िल्मी ग़ज़लेंसमस्त
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बंजारा-नामा Mukesh
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Khuda ka shukr sahare baghair beet gai Anwar Shuoor
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सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं Gayatri Asokan
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फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया Kundan Lal Saigal
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किसी की याद में दुनिया को हैं भुलाए हुए Mohammad Rafi
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आप की याद आती रही रात भर Chaya Ganguly
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Shaam-e-gham ki qasam Talat Mahmood
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मकान Kaifi Azmi
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khaali haath shaam aayi hai Asha Bhosle
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Ganga Jamuna Eid Milan Mushaira Munawwar Rana
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ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया Begum Akhtar
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सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है Suresh Wadekar
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यूँ हसरतों के दाग़ मोहब्बत में धो लिए Lata Mangeshkar
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दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है Anuradha Paudwal
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Tumko dekhta to ye khayal aaya Jagjit Singh
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ये दिल ये पागल दिल मिरा क्यूँ बुझ गया आवारगी Ghulam Ali
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Phir chhidi raat baat phulon ki Talat Aziz
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Zareef Jabalpuri
ज़िया मोहीउद्दीन वीडियोसमस्त
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Intizar Hussain
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"Shakespeare aur Main"
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Wajid Ali Shah Akhtar
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Ghalib aur Mein-Zia Mohyeddin
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Josh Malihabadi
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Allama Iqbal
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Mushtaq Ahmad Yousufi
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Zia's Monologue
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Zia reads Mir Taqi Mir
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Mirza Rafi Sauda
इल्म-ए-अरूज़समस्त
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Lecture 1 Introduction
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Lecture 10 Bahr-e-Mutadarik
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Lecture 11 Bahr-e-Muzare
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Lecture 12 Bahr-e-Mujtas
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Lecture 13 Bahr-e-Munsarah
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Lecture 14 Bahr-e-Muqtazib
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Lecture 15 Bahr-e-Saree
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Lecture 16 Bahr-e-Khafif
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Lecture 17 Bahr-e-Qarib
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Lecture 18 Bahr-e-Jadid
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Lecture 19 Bahr-e-Mushakil
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Lecture 2 Ahang ki mizaan urooz hai
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Lecture 20 Bahr-e-Taweel
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Lecture 21 Bahr-e-Madid
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Lecture 22 Bahr-e-Baseet
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Lecture 23 Qafiya aur Radeef
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Lecture 24 Taqteeh
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Lecture 25 Sher Goi
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Lecture 3 Aroozi Arkan
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Lecture 4 Bahr-e-Hazaj
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Lecture 5 Bahr-e-Rajaz
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Lecture 6 Bahr-e-Ramal
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Lecture 7 Bahr-e-Kamil
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Lecture 8 Bahr-e-Wafir
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Lecture 9 Bahr-e-Mutaqarib
जगजीत सिंह × मिर्ज़ा ग़ालिब समस्त
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न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता जगजीत सिंह
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दोस्त ग़म-ख़्वारी में मेरी सई फ़रमावेंगे क्या जगजीत सिंह
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सब कहाँ कुछ लाला-ओ-गुल में नुमायाँ हो गईं जगजीत सिंह
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अर्ज़-ए-नियाज़-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा जगजीत सिंह
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आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक जगजीत सिंह
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बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे जगजीत सिंह
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हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है जगजीत सिंह
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दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ जगजीत सिंह
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दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है जगजीत सिंह
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दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ जगजीत सिंह
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वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ जगजीत सिंह
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ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता जगजीत सिंह