Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Kaleem Aajiz's Photo'

कलीम आजिज़

1926 - 2015 | पटना, भारत

क्लासिकी लहजे के प्रमुख और लोकप्रिय शायर

क्लासिकी लहजे के प्रमुख और लोकप्रिय शायर

कलीम आजिज़

ग़ज़ल 63

नज़्म 1

 

अशआर 67

ज़िंदगी माइल-ए-फ़रियाद-ओ-फ़ुग़ाँ आज भी है

कल भी था सीने पे इक संग-ए-गिराँ आज भी है

दिल दर्द की भट्टी में कई बार जले है

तब एक ग़ज़ल हुस्न के साँचे में ढले है

बात चाहे बे-सलीक़ा हो 'कलीम'

बात कहने का सलीक़ा चाहिए

ये कैसी बहार-ए-चमन आई कि चमन में

वीराना ही वीराना है ता-हद्द-ए-नज़र आज

  • शेयर कीजिए

ये तर्ज़-ए-ख़ास है कोई कहाँ से लाएगा

जो हम कहेंगे किसी से कहा जाएगा

  • शेयर कीजिए

पुस्तकें 19

चित्र शायरी 7

 

वीडियो 26

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

कलीम आजिज़

कलीम आजिज़

कलीम आजिज़

कलीम आजिज़

कलीम आजिज़

कलीम आजिज़

कलीम आजिज़

कलीम आजिज़

कलीम आजिज़

कलीम आजिज़

कलीम आजिज़

कलीम आजिज़

कलीम आजिज़

कलीम आजिज़

Mushaira ba-aizaaz kaleem ajiz

कलीम आजिज़

मेरे ही लहू पर गुज़र-औक़ात करो हो

कलीम आजिज़

क्या ग़म है अगर शिकवा-ए-ग़म आम है प्यारे

कलीम आजिज़

किस नाज़ किस अंदाज़ से तुम हाए चलो हो

कलीम आजिज़

मत बुरा उस को कहो गरचे वो अच्छा भी नहीं

कलीम आजिज़

मिरा हाल पूछ के हम-नशीं मिरे सोज़-ए-दिल को हवा न दे

कलीम आजिज़

ये आँसू बे-सबब जारी नहीं है

कलीम आजिज़

ये दीवाने कभी पाबंदियों का ग़म नहीं लेंगे

कलीम आजिज़

यही बेकसी थी तमाम शब उसी बेकसी में सहर हुई

कलीम आजिज़

वो सितम न ढाए तो क्या करे उसे क्या ख़बर कि वफ़ा है क्या?

कलीम आजिज़

शाने का बहुत ख़ून-ए-जिगर जाए है प्यारे

कलीम आजिज़

संबंधित कलाकार

"पटना" के और कलाकार

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए