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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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Aal-e-Raza Raza's Photo'

आले रज़ा रज़ा

1896 - 1978 | कराची, पाकिस्तान

प्रख्यात शायर जिन्हें लखनवी शायरी के शायरना महावरों पर दक्षता थी

प्रख्यात शायर जिन्हें लखनवी शायरी के शायरना महावरों पर दक्षता थी

आले रज़ा रज़ा

ग़ज़ल 28

अशआर 9

हम ने बे-इंतिहा वफ़ा कर के

बे-वफ़ाओं से इंतिक़ाम लिया

बंदिशें इश्क़ में दुनिया से निराली देखें

दिल तड़प जाए मगर लब हिलाए कोई

उस बेवफ़ा से कर के वफ़ा मर-मिटा 'रज़ा'

इक क़िस्सा-ए-तवील का ये इख़्तिसार है

तुम 'रज़ा' बन के मुसलमान जो काफ़िर ही रहे

तुम से बेहतर है वो काफ़िर जो मुसलमाँ हुआ

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उन के सितम भी कह नहीं सकते किसी से हम

घुट घुट के मर रहे हैं अजब बेबसी से हम

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