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अब्दुस्समद की कहानियाँ
म्यूज़िकल चेयर
यह कुछ दोस्तों की कहानी है जो मामूल के मुताबिक़ मिलते हैं। जिस दोस्त के यहाँ वे लोग मिलते हैं वहाँ चार कुर्सियां रखी हुई हैं। वे चारों कुर्सियां उस दीवार के नीचे रखी हैं जिस पर वक़्त बताने की घड़ी टंगी है। उस घड़ी की दो रेशमी डोरियां हैं और उनमें से एक डोरी एक दोस्त पकड़ लेता है, कि वह डोरी खींचकर वक़्त को रोक देना चाहता है। उसके बाक़ी सारे दोस्त उसे डोरी खींचने से रोकने के लिए मना करते हैं और तरह-तरह की दलीलें देते हैं।
सद्द-ए-बाब
विदेश में बसे एक ऐसे व्यक्ति की कहानी, जो अपने गाँव में देखे गए भूत को लेकर परेशान हो जाता है। वह इसका ज़िक्र अपनी बीवी से भी करता है, मगर कोई नतीजा नहीं निकलता। उस भूत से अपने बच्चों को बचाने के लिए वह उन्हें फ़ोन करता है और फिर एका-एक ग़ायब हो जाता है। उसकी तलाश में उसकी बीवी हर मुम्किन कोशिश करती है, पर कोई कामयाबी नहीं मिलती है। फिर एक दिन वह ख़ुद ही वापस आ जाता है, मगर उसके ग़ायब होने का कोई कारण नहीं पता चलता।
दम
दंगों में घिरे एक परिवार की कहानी। वे तीन भाई थे। तीनों में से दो घर पर थे और एक बाहर गया हुआ था। तीसरा जब बाहर से लौटकर घर आया तो उसने अपनी रोती हुई माँ को बताया कि वह तीन को ठिकाने लगाकर आया है। माँ उससे हर बात को विस्तार से पूछती है। बाहर गलियों में पुलिस गश्त कर रही होती है और दोनों पक्ष नारा लगा रहे होते हैं। बाद में पता चलता है कि नारे तो मोहल्ले का पागल आदमी लगा रहा है। नारा सुनकर पुलिस उस घर में घुस आती है, लेकिन पुलिस उस पागल को पकड़ने के बजाय घर वालों को पकड़ ले जाती है।
देर से रुकी हुई गाड़ी
यह एक ट्रेन और उसमें सवार लोगों की कहानी है, ट्रेन चलते-चलते अचानक रुक जाती है। ट्रेन को रुके हुए जब काफ़ी देर हो जाती है तो लोग परेशान हो जाते हैं और ट्रेन के रुकने का कारण जानने के लिए बेचैन हो जाते हैं। साथ ही वे लोग ट्रेन के यूँ रुक जाने से सिस्टम, मुल्क और दूसरी परेशानियों के बारे में बहस करने लगते हैं।
सवाब-ए-जारिया
कहानी एक मुस्लिम मोहल्ले और उसमें बनी मस्जिद की है, जिसके प्रबंधन कमेटी में शामिल कुछ लोगों के चरित्र से आम लोगों को शिकायत है। उन लोगों को प्रबंधन कमेटी से हटाने के लिए वह लोग जिहाद का ऐलान करते हैं। जिस दिन उन लोगों को जिहाद करना होता है, उसी दिन पता चलता है कि उस प्रबंधन कमेटी के लोगों ने तो अपनी एक अलग मस्जिद बना ली है।
नजात
यह कहानी बच्चों की यौन शिक्षा पर बात करती है। अगर बच्चों को सेक्स के बारे में पता नहीं होगा तो उम्र बढ़ने के साथ साथ वे अपने शरीर में होने वाले बदलाव के बारे में भी नहीं जान सकेंगे। उसके साथ भी कुछ ऐसा ही था। पूरा परिवार एक कमरे के घर में रहता था और उसमें जो कुछ रात के अंधेरे में होता था, वह सब जानती थी लेकिन उसके बारे में उसे पता नहीं था। फिर एक दिन उसके भाई का एक दोस्त उसे अपनी बाँहों में भर लेता है तो उसे अपने शरीर में चिंटिया सी रेंगती हुई महसूस होती हैं, जिनसे वह चाहकर भी नजात हासिल नहीं कर पाती।
शर्त
कहानी हमारे समाज के उभरते मध्यम वर्ग के युवाओं की इच्छाओं को बयान करती है। उसने बी.ए. पास कर लिया था लेकिन वह बे-रोज़गार था। वह एक शानदार सूट पहनकर बाज़ार निकल जाता है और किताबों, कपड़ों और दूसरी दुकानों पर जाता है, ख़रीदता कुछ भी नहीं। भूख लगने पर वह एक सेठ की बेटी की हो रही शादी के आयोजन में चला जाता है। वहाँ के लोगों की नज़रों को भांपकर बिना कुछ खाए ही वापस निकल आता है। वहाँ से आकर वह सोचता है कि ज़िंदगी जीना इतना मुश्किल भी नहीं है... बशर्ते कि!
निशान वाले
यह एक ऐसे दंपत्ति की कहानी है, जो निशान वालों से बचने के लिए सारी दुनिया में मारे-मारे फिरते हैं। फिर वह एक नए मकान में आकर रहने लगते हैं। बाद में उन्हें पता चलता है कि वे निशान वालों के पड़ोस में ही आकर बस गए हैं। पत्नी के कहने पर वह पड़ोसियों से मेल-जोल भी करता है। मिलने पर वे उसे अच्छे लगते हैं। एक रोज़ वह पड़ोसी छुपाने के लिए उन्हें कोई चीज़ देकर जाता है कि जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था।
गूमड़
एक ऐसे व्यक्ति की कहानी, जिसे संदेह हो जाता है कि उसके सिर में गूमड़ निकल आया है। वह उसे छुपाने के लिए टोपी पहनना शुरू कर देता है। टोपी को लेकर उसके दोस्त उसका मज़ाक़ भी उड़ाते हैं, पर वह किसी की परवाह नहीं करता। गूमड़ के कारण जब वह बहुत ज़्यादा परेशान हो जाता है तो एक मनोचिकित्सक के पास जाता है और उससे इलाज कराता है। इलाज के बाद जब वह अपने एक दोस्त से मिलता है तो उसका दोस्त कहता है कि तुम्हारे सिर में गूमड़-सा निकल आया है।
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