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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Alam Muzaffar Nagari's Photo'

अलम मुज़फ़्फ़र नगरी

1901 - 1969

अलम मुज़फ़्फ़र नगरी के शेर

वो उन का व'अदा वो ईफ़ा-ए-अहद का आलम

कि याद भी नहीं आता है भूलता भी नहीं

मिलेगा ज़ुल्फ़-ए-आज़ादी उन्हें क्या मौसम-ए-गुल में

क़फ़स से छूट कर गुलशन में जो बे-बाल-ओ-पर आए

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