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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

हुमैरा रहमान के शेर

वो लम्हा जब मिरे बच्चे ने माँ पुकारा मुझे

मैं एक शाख़ से कितना घना दरख़्त हुई

रौशन-दान से धूप का टुकड़ा कर मेरे पास गिरा

और फिर सूरज ने कोशिश की मुझ से आँख मिलाने की

हम और तुम जो बदल गए तो इतनी हैरत क्या

अक्स बदलते रहते हैं आईनों की ख़ातिर

अजब मज़ाक़ उस का था कि सर से पाँव तक मुझे

वफ़ाओं से भिगो दिया नदामतों की सोच में

लोगो! हम परदेसी हो कर जाने क्या क्या खो बैठे

अपने कूचे भी लगते हैं बेगाने बेगाने से

मिरी अलमारियों में क़ीमती सामान काफ़ी था

मगर अच्छा लगा उस से कई फ़रमाइशें करना

हवा की तेज़-गामियों का इंकिशाफ़ क्या करें

जो दोश पर लिए हो उस के बर-ख़िलाफ़ क्या करें

कंकर फेंक रहे हैं ये अंदाज़ा करने को

ठहरा पानी कितनी 'हुमैरा' हलचल रखता है

गुज़शता मौसमों में बुझ गए हैं रंग फूलों के

दरीचा अब भी मेरा रौशनी के ज़ावियों पर है

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