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जमीला हाशमी की कहानियाँ
अकेला फूल
"यह मुहब्बत की अतृप्ति और उपेक्षा से जन्म लेने वाली स्वछंदता की कहानी है। अतीया बेगम एक कॉलेज स्टूडेंट है लेकिन उन्हें एक विवाहित उच्च अधिकारी से मुहब्बत हो जाती है। अधिकारी पहले तो उसे नज़रअंदाज करता है लेकिन अंततः वो भी उसकी तरफ़ उन्मुख हो जाता है। एक दिन जब अतीया को एहसास होता है कि उसके महबूब की आसक्ति काम वासना में है और वो अब तक उसके निश्छल प्रेम से वंचित है तो फिर वो रूठ कर वापस चली जाती है। अब वो अक्सर दूसरों की कार में बैठी हुई नज़र आती है, जिसे देखकर उस अधिकारी का ज़ख़्म हरा हो जाता है।"
हीरा फूल
यह एक प्रतीकात्मक कहानी है, एक ऐसे लड़के की जिसकी दादी उसे अपने बाप की मौत का बदला लेने के लिए तैयार करती है। उस शख़्स से जो रिश्ते में दादी का छोटा बेटा और उसका चाचा है। लड़का दादी की हर बताई बात सीखता है और खु़द को इस क़ाबिल बनाने की कोशिश करता है कि वह बदला ले सके। उस फूल को ला सके, जो पता नहीं किस देस में है।
अग्नी दा
"सामाजिक अन्याय की कोख से जन्म लेने वाले मुजरिमों की कहानी है। ठाकुर तेज सिंह का चचा जब उसका अधिकार छीन कर ख़ुद सरदार बन बैठता है तो फिर वो घर छोड़ देता है और मुजरिम बन जाता है। पुलिस उसकी तलाश में एक सहरा में घात लगाए बैठी होती है तभी ठाकुर तेज सिंह की दाई माँ अग्नी दा आ जाती है और पूरी दास्तान सुनाती है कि किस तरह ठाकुर तेज सिंह एक शरीफ़ लड़के से बदमाश बना। उसकी ममता उसे मजबूर करती है कि वो उसे कहीं से तलाश करके उसे देखे, अग्नी दा पुलिस वालों से कहती है कि अगर आप लोगों को मालूम हो कि वो कहाँ है तो मुझे मिलवा दो। इसी दौरान गोलीयों की आवाज़ में ठाकुर तेज सिंह की आवाज़ उभरती है कि दाई माँ स्वर्ग में मिलेंगे। फिर वो मर जाती है। मरने के बाद उसके चेहरे पर अजीब मुस्कान थी।"
शब-ए-इंतेज़ार
धार्मिक कट्टरवाद के भेंट चढ़ जाने वाले एक आशिक़ जोड़े की कहानी। इमाम अली राधा से शादी कर लेता है, जिसके नतीजे में साम्प्रदायिक दंगे होते हैं और इमाम अली पर मुक़द्दमा चलता है और उसे सज़ा होती है। सज़ा काटने के बाद भी उसके वालिद उसे घर में आने की इजाज़त नहीं देते, फिर वो कहीं ग़ायब हो जाता है और राधा उसकी तलाश में मारी मारी फिरती है।
शेरी
इस कहानी में बे-ज़बान जानवर शेरी के माध्यम से इंसान की तन्हाई और काम की अतृप्ति को बयान किया गया है। शेरी एक ऊंची नस्ल का कुत्ता है जिसका बरताव और व्यवहार इंसानों जैसा है। उच्च शिक्षा प्राप्त अविवाहित मालकिन की ख़ाली ख़ाली ज़िंदगी में वो नई गर्मी पैदा करता है। वो उसकी ज़िंदगी में इस क़दर शामिल हो जाता है कि जब मालकिन विदेश चली जाती है तो शेरी खाना पीना छोड़ देता है जिसकी वजह से उसकी मौत हो जाती है। मालकिन को वापसी पर जब उसकी मौत की ख़बर मिलती है तो वो कहती है कि मैं तो विधवा हो गई।
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