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ख़ालिदा हुसैन के उद्धरण
जब बात समझने वाले कम हो जाएं तो आधी बात समझने वालों की निस्बत ना समझने वालों से बात करना बेहतर है।
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अच्छी कहानियाँ कटी गर्दन से टपकने वाला क़त्रा-क़त्रा लहू है कि दरिया में गिरते ही याक़ूत बन जाता है। लहू रंग। शफ़्फ़ाफ़।
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बाल-साहित्य1971
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