Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Moid Rasheedi's Photo'

मुईद रशीदी

1988 | अलीगढ़, भारत

नई नस्ल के प्रमुख नवोदित शायर/साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित

नई नस्ल के प्रमुख नवोदित शायर/साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित

मुईद रशीदी

ग़ज़ल 36

अशआर 146

चंद यादों के दिए थोड़ी तमन्ना कुछ ख़्वाब

ज़िंदगी तुझ से ज़ियादा नहीं माँगा हम ने

उस बार उजालों ने मुझे घेर लिया था

इस बार मिरी रात मिरे साथ चली है

मुझ को पाने की तमन्ना में वो ग़र्क़ाब हुआ

मैं ने साहिल की तमन्ना में उसे खोया है

  • शेयर कीजिए

जो बिछड़ गया वो मिला नहीं ये सवाल था

जो मिला नहीं वो बिछड़ गया ये कमाल है

  • शेयर कीजिए

ये हिजरतों के तमाशे, ये क़र्ज़ रिश्तों के

मैं ख़ुद को जोड़ते रहने में टूट जाता हूँ

पुस्तकें 6

 

चित्र शायरी 1

 

वीडियो 11

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
Aanokhon mein shab utar gai, Khwaabon ka silsila raha

मुईद रशीदी

Dekhle meri jaan kitna hai

मुईद रशीदी

Dil ye kehta hai ke haar kar dekhen

मुईद रशीदी

Ek hungama shab o roz bapa rehta hai

मुईद रशीदी

Faseel e shehar se kyun sab ke sab nikal aaye

मुईद रशीदी

Ishq mein lazzat e aazar nikal aati hai

मुईद रशीदी

Khala me dekhta rehta hai Kya pukarta hai

मुईद रशीदी

Main ek nadi hoon meri zaat ek samundar hai

मुईद रशीदी

Ye mojaza hai ki main raat kaat deta hoon

मुईद रशीदी

मुईद रशीदी

Moid Rashidi (from Delhi) is a Poet, critic and recipient of Sahitya Akademy Yuva Puruskar. Poet, critic and recipient of Sahitya Akademy Yuva Puruskar, Moid is well-regarded for his literary criticism in Urdu world. मुईद रशीदी

दरून-ए-ज़ात हुजूम-ए-अज़ाब ठहरा है

मुईद रशीदी

ऑडियो 3

आज कुछ सूरत-ए-अफ़्लाक जुदा लगती है

दरून-ए-ज़ात हुजूम-ए-अज़ाब ठहरा है

मैं कोई दश्त मैं दीवार नहीं कर सकता

Recitation

 

"अलीगढ़" के और लेखक

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए