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बाल-साहित्य1474
पत्र497 आंदोलन223 नॉवेल / उपन्यास2680 -
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मुमताज़ मुफ़्ती की कहानियाँ
आपा
कहानी एक ऐसी लड़की की दास्तान बयान करता है जो जले हुए उपले की तरह है। बाहर से राख का ढ़ेर मगर अंदर चिंगारियाँ हैं। घर के कामों में बंधी उसकी ज़िंदगी ख़ामोशी से गुज़र रही थी कि उसकी फुप्पो का बेटा तसद्दुक़ उनके यहाँ रहने चला आया। वह उसे पसंद करने लगी और उसकी फ़रमाइशों के मुताबिक़ ख़ुद को ढालती चली गई। मगर जब जीवन साथी चुनने की बारी आई तो तसद्दुक़ ने उसे छोड़कर सज्जो बाजी से शादी कर ली।
समय का बंधन
एक बाई की रुहानी ज़िंदगी के गिर्द घूमती कहानी, जो कोठे पर मुजरा किया करती थी। मगर एक रोज़ जब वह ठाकुर के यहाँ बैठक के लिए गई तो उसने वहाँ ख़्वाजा पिया मोरी रंग दे चुनरिया गीत गाया। इस गीत का उस पर ऐसा असर हुआ कि उसने उसकी पूरी ज़िंदगी को ही बदल दिया। वह बेक़रार रहने लगी। उस बेक़रारी से छुटकारा पाने के लिए उसने ठाकुर से शादी कर ली। मगर इसके बाद भी उसे सुकून नहीं मिला और वह ख़ुद की तलाश में निकल गई।
चुप
यह एक ऐसे शख़्स की कहानी है जिसे अपने से दोगुनी उम्र की औरत से मोहब्बत हो जाती है। वह उसके इश्क़ में इस क़दर दीवाना हो जाता है कि उसके बिना एक पल भी रह नहीं पता। रात ढले जब वह उसके पास जाता है तो वह उसके होंठों पर उंगली रखकर उसे चुप कर देती है। फिर जब उसकी शौहर से तलाक़ हो जाती है तो वह अपनी माँ के ख़िलाफ़ जाकर उससे शादी कर लेता है। मगर शादी के बाद वह उसमें पहली वाली लज्ज़त महसूस नहीं कर पाता। बाद में वह उसे छोड़कर चली जाती है और दूसरे मर्द से शादी कर लेती है।
सुंदरता का राक्षस
यह समाज में औरतों के बराबरी के अधिकार के डिस्कोर्स के गिर्द घूमती कहानी है, जिसमें दो लड़कियाँ एक स्वामी के पास औरत की गै़र-बराबरी का सवाल लेकर जाती हैं। मगर वहाँ उनकी स्वामी से तो मुलाक़ात नहीं होती, उनके शिष्य मिलते हैं। उनमें से एक उन्हें रानी विजयवंती की कहानी के ज़रिए बताता है कि पुरुष औरत को देवी बना सकता है, उसकी सुंदरता के लिए उसकी पूजा कर सकता है। उस पर जान तक न्यौछावर कर सकता है। मगर कभी उसे अपने बारबर नहीं समझ सकता है।
पुरानी शराब नई बोतल
यह ऐसी लड़की की कहानी है जो मॉर्डन ख़यालात की है। उसकी कई अफे़यर रहे हैं। मगर कुछ अरसा चलने के बाद सब टूट गए हैं, क्योंकि वह मोहब्बत को वादों-इरादों से ज़्यादा शारीरिक रूप में तवज्जो देती है। एमजी के साथ उसका अफे़यर भी इसी वजह से टूटा था, जिसके साथ बाद में उसकी सहेली सफ़्फ़ो ने शादी कर ली थी।
दो मुंही
कहानी दोहरे चरित्र से जूझती एक ऐसी औरत के गिर्द घूमती है, जो बाहरी तौर पर तो कुछ और दिखाई देती है मगर उसके अंदर कुछ और ही चल रहा होता है। अपनी इस शख़्सियत से परेशान वह बहुत से डॉक्टरों से इलाज कराती है मगर कोई फ़ायदा नहीं होता। फिर उसकी एक सहेली उसे त्याग क्लीनिक के बारे में बताती है और वह अपने शौहर से हिल स्टेशन पर घूमने का कहकर अकेले ही त्याग क्लीनिक में इलाज कराने के लिए निकल पड़ती है।
रौग़नी पुतले
राष्ट्रवाद जैसे मुद्दे पर बात करती कहानी, जो शॉपिंग आर्केड में रखे रंगीन पुतलों के गिर्द घूमती है। जिनके आस-पास सारा दिन तरह-तरह के फै़शन परस्त लोग और नौजवान लड़के-लड़कियाँ घूमते रहते हैं। मगर रात होते ही वे पुतले आपस में गुफ़्तगू करते हुए मौजूदा हालात पर अपनी राय ज़ाहिर करते हैं। सुबह में आर्केड का मालिक आता है और वह कारीगरों को पूरे शॉपिंग सेंटर और तमाम पुतलों को पाकिस्तानी रंग में रंगने का हुक्म सुनाता है।
वक़ार महल का साया
वक़ार महल के मार्फ़त एक घर और उसमें रहने वाले लोगों के टूटते-बनते रिश्तों की दास्तान को बयान किया गया है। वक़ार महल कॉलोनी के बीच में स्थित है। हर कॉलोनी वाला उससे नफ़रत भी करता है और एक तरह से उस पर फ़ख्र भी। वक़ार महल को पिछले कई सालों से गिराया जा रहा है और वह अब भी जस का तस खड़ा है। मज़दूर दिन-रात काम में लगे ठक-ठक करते रहते हैं। उनकी ठक-ठक की उस आवाज़ से मॉर्डन ख़्याल की मॉर्डन लड़की ज़फ़ी के बदन में सिहरन सी होने लगती है और यही सिहरन उसे कई लोगों के पास ले जाती है और उनसे दूर भी करती है।
झुकी झुकी आँखें
कहानी एक ऐसी लड़की की दास्तान बयान करती है जो मोहब्बत तो सलीम से करती है मगर शादी उसकी नज़र से हो जाती है। शादी के बाद भी वह सलीम के ख़्यालों में खोई रहती है। उधर नज़र उसे दीवानगी की हद तक चाहता है। एक रोज़ उसे पता चलता है कि सलीम आया हुआ है। वह उसके पास जाना चाहती है। मगर नज़र, जो उसके लिए अपनी पसंद की नीली साड़ी खरीदने के लिए इतना काम करता है कि बीमार पड़ जाता है। वह उसे देखती है और सलीम के पास जाने से इंकार कर देती है।
नफ़रत
यह एक ऐसी औरत की कहानी है जिसकी एक मामूली से वाक़िआ ने पूरी ज़िंदगी ही बदल दी। उसे ज़र्द रंग जितना पसंद था उतना ही बुर्क़ा ना-पसंद। उस दिन जब वह अपनी ननद के साथ एक सफ़र पर जा रही थी तो उसने ज़र्द रंग की ही साड़ी पहन रखी थी और बुर्क़े को उतार कर एक तरफ़ रख दिया था। मगर लाहौर स्टेशन पर बैठी हुई जब वे दोनों गाड़ी का इंतेज़ार कर रही थी वहाँ उन्होंने एक मैले-कुचैले आदमी की पसंद-नापसंद सुनी तो उन्होंने ख़ुद को पूरी तरह ही बदल लिया।
आधे चेहरे
कहानी एक ऐसे नौजवान के गिर्द घूमती है जो मिस आईडेंटिटी का शिकार है। एक दिन वह एक डॉक्टर के पास आता है और उसे अपनी हालत बताते हुए कहता है कि जब वह मोहल्ले में होता है तो हमीद होता है मगर जब वह कॉलेज में जाता है तो अख़्तर हो जाता है। अपनी यह कैफ़ियत उसे कभी पता न चलती अगर बीते दिन एक हादसा न होता। तभी से उसकी समझ नहीं आ रहा है कि वह कौन है? वह डॉक्टर से सवाल करता है कि वह उसे बताए कि वह हक़ीक़त में क्या है?
एहसान अली
अपनी रंगीन तबियत और ख़ुश मिज़ाजी के लिए गाँव भर में मशहूर शख़्स की कहानी। वह जहाँ से निकल जाता है वहाँ की महफ़िल का रंग ही बदल जाता है। बच्चों के साथ बच्चा हो जाता है और बूढ़ों के पोपले मुँह पर मुस्कुराहट बिखेर देता है। औरतों के बीच बैठ जाए तो क़हक़हे छूटने लगते हैं। एक रोज़ जब उसे पता चलता है कि उसके बेटे ने उससे पूछे बग़ैर अपनी पसंद की लड़की से शादी कर ली है तो उसकी पूरी ज़िंदगी ही बदल जाती है।
खुल बंधना
पूर्णमासी को एक मंदिर में लगने वाले मेले के गिर्द घूमती यह कहानी स्त्री विमर्श पर बात करती है। मंदिर में लगने वाला मेला ख़ास तौर से औरतों के लिए ही है, जहाँ वह परिवार में चल रहे झगड़ों, पतियों, सास और ननदों की तरफ़ से लगाए बंधनों के खुलने की मन्नतें माँगती हैं। साथ ही वे परिवार और समाज में औरत की स्थिति पर भी बातचीत करती जाती हैं।
बेगानगी
एक ऐसे बच्चे की कहानी जिसे घर में कोई प्यार नहीं करता है। उससे बड़ी एक बहन और एक छोटा भाई है। हर कोई छोटे भाई से मोहब्बत करता है। उसकी हर फ़रमाइश पूरी की जाती है मगर उससे कोई प्यार नहीं करता है। जब से वह पैदा हुआ तभी से उसकी बद-सूरती को लेकर उससे नफ़रत की गई है और उसी नफ़रत की वजह से वह अपने ही घर में ख़ुद को बेगाना महसूस करने लगता है।
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