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Quotes of Musharraf Alam Zauqi
मुझे उन लोगों पर रश्क आता है जो सिर्फ नए नए किरदार ही नहीं गढ़ते बल्कि अपने किरदारों के बारे में इस तरह की बातें करते हैं जैसे वो महज़ फ़र्ज़ी किरदार ना हों बल्कि चलते-फिरते आदमी हों, ज़िंदा मख़्लूक़ हों।
सच्ची ख़ुशी हमेशा लिखने से होती है। मैं हर नई तख़लीक़ पर बच्चों की तरह ख़ुश हो जाता हूँ
मैं वो शख़्स हूँ जिसने अपनी ज़िंदगी का हर दिन अदब की आग़ोश में गुज़ारा है।
मैं मंज़िलों की परवाह नहीं करता, मेरी हर तख़लीक़ मेरे लिए एक नई मंज़िल है।
ये कायनात बेहद हसीन है मगर उनके लिए जो जीना जानते हैं।
उर्दू ज़बान-ओ-अदब ने मुझे जीने का सलीक़ा सिखाया है।
इन्'आम-ओ-एज़ाज़ मुझे ख़ुश नहीं करते और ना इस बारे में मैं सोचता हूँ और ना ही मुझे इनकी ज़रूरत है।
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