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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Naqsh Layalpuri's Photo'

नक़्श लायलपुरी

1928 - 2017 | मुंबई, भारत

नक़्श लायलपुरी के शेर

ये अंजुमन ये क़हक़हे ये महवशों की भीड़

फिर भी उदास फिर भी अकेली है ज़िंदगी

हम ने क्या पा लिया हिन्दू या मुसलमाँ हो कर

क्यूँ इंसाँ से मोहब्बत करें इंसाँ हो कर

मैं दुनिया की हक़ीक़त जानता हूँ

किसे मिलती है शोहरत जानता हूँ

नाम होंटों पे तिरा आए तो राहत सी मिले

तू तसल्ली है दिलासा है दुआ है क्या है

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