उपनाम : 'मुजीबी'
मूल नाम : सिद्दीक़ अहमद गद्दी
जन्म :रांची, झारखण्ड
बीसवीं सदी के छठे और सातवें दशक के दौरान साहित्यिक जगत पर उभरने वाले शायरों में सिद्दीक़ मुजीबी का नाम ख़ास अहमियत रखता है। सिद्दीक़ मुजीबी छोटा नागपुर के आदिवासी इलाक़े में पैदा हुए और वहीं बड़े हुए। आदिवासी इलाक़ों के राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलनों, ख़ास तौर पर उनकी बाग़ी कोशिशों और विरोधी प्रवृत्तियों ने सिद्दीक़ मुजीबी की साहित्यिक सोच को आकार दिया है।
सिद्दीक़ मुजीबी की शायरी का एक ख़ास गुण उनकी सीधी और स्पष्ट अभिव्यक्ति है। वह अपनी भावनाओं को छिपा कर पेश करने में विश्वास नहीं रखते। इस सीधे अंदाज़ और सचेत मासूमियत ने अक्सर उनकी शायरी को एक आध्यात्मिक पवित्रता के साथ जोड़ दिया है। सिद्दीक़ मुजीबी की ग़ज़लों में संदेह और जिज्ञासा का पहलू भी पाठक को बेहद प्रभावित करता है।