सुहैल अज़ीमाबादी की कहानियाँ
अलाव
गाँव से पूरब एक बड़ा सा मैदान है। खेत की सत्ह से कुछ ऊंचा और चौरस। लोग कहते हैं कि अपने ज़माने में किसी राजा का यहाँ पर राजमहल था, उसी की मिट्टी और ईंट से ज़मीन ऊंची हो गई है। मैदान के पूरबी किनारे पर पीपल और बरगद के पेड़ हैं और इसके बा’द खेत, उत्तर तरफ़
दिल का रोग
चम्पा नगर सेनिटोरियम। सिसकती हुई रूहों की बस्ती। लरज़ती हुई ज़िंदगियों की दुनिया। मुज़्तरिब और झिलमिलाती हुई शम्मों की अंजुमन। पुरफ़िज़ा मुक़ाम, शादाब दरख़्तों के झुण्ड में लंबा चौड़ा मैदान, मैदान में सब्ज़ घास का नज़रफ़रेब फ़र्श। उनमें लाल रंग की साफ़ सड़कें।