- Index of Books 188056
-
-
Book Categories
-
Children's Literature1967
Medicine915 Movements300 Novel4644 -
Book Categories
- Bait Bazi13
- Catalogue / Index5
- Couplets64
- Deewan1448
- Doha65
- Epics111
- Exegesis198
- Geet83
- Ghazal1166
- Haiku12
- Hamd45
- Humorous36
- Intikhab1581
- Keh mukarni6
- Kulliyat688
- Mahiya19
- Majmua5042
- Marsiya379
- Masnavi832
- Musaddas58
- Naat550
- Nazm1247
- Others69
- Paheli16
- Qasida189
- Qawwali19
- Qit'a62
- Quatrain296
- Quintuple17
- Rekhti13
- Remainders27
- Salaam33
- Sehra9
- shahr-Ashob, Hajw, Zatal Nama13
- Tareekh-Goi29
- Translation73
- Wasokht26
Quotes of Syed Sibte Hasan
रियासत फ़क़त एक जुग़राफ़ियाई या सियासी हक़ीक़त होती है। चुनाँचे यह ज़रूरी नहीं है कि रियासत और क़ौम की सरहदें एक हो।
मज़हब और सेहर में बुनियादी फ़र्क़ यह है कि मज़हब का मुहर्रिक क़ुदरत की इताअ'त और ख़ुश-नूदी का जज़्बा है। इसके बर-अक्स सेहर का मुहर्रिक तसख़ीर-ए-क़ुदरत का जज़्बा है।
रियासत के हुदूद-ए-अर्बा घटते-बढ़ते रहते हैं, मगर क़ौमों और क़ौमी तहज़ीबों के हुदूद बहुत मुश्किल से बदलते हैं।
रस्म-उल-ख़त की इस्लाह की बहस को मज़हबी रंग न दें, क्योंकि रस्म-उल-ख़त का तअ'ल्लुक़ मज़हब से नहीं है।
ज़बानें मुर्दा हो जाती हैं, लेकिन उनके अल्फ़ाज़ और मुहावरे, अलामात और इस्तिआ'रात नई ज़बानों में दाख़िल हो कर उनका जुज़ बन जाते हैं।
तहरीर का रिवाज भी तमद्दुन ही का मज़हर है, क्योंकि वह मुआशरा जो फ़न-ए-तहरीर से ना-वाक़िफ़ हो मुहज़्ज़ब कहा जा सकता है, लेकिन मुतमद्दिन नहीं कहा जा सकता।
अगर कोई मुआ'शरा रूह-ए-अस्र की पुकार नहीं सुनता, बल्कि पुरानी डगर पर चलता रहता है, तो तहज़ीब का पौधा भी ठिठुर जाता है और फिर सूख जाता है।
तहज़ीब जब तबक़ात में बट जाती है, तो ख़यालात की नौइयत भी तबक़ाती हो जाती है और जिस तबक़े का ग़लबा मुआ'शरे की माद्दी कुव्वतों पर होता है, उसी तबक़े का ग़लबा ज़हनी कुव्वतों पर भी होता है।
जो लोग रोमन रस्म-उल-ख़त पर यह ए'तिराज़ करते हैं कि रोमन अबजद के हुरूफ़ से हमारी तमाम आवाज़ें अदा नहीं होतीं, वो उस तारीख़ी हक़ीक़त को नज़र-अंदाज कर देते हैं कि अगर रोमन अबजद के हुरूफ़ हमारी तमाम आवाज़ों को अदा नहीं कर सकते, तो अरबी अबजद के हर्फ़ भी हमारी तमाम आवाज़ों को अदा करने से क़ासिर हैं।
join rekhta family!
-
Children's Literature1967
-