हुमायूँ और मोटू की कहानी
हिन्दोस्तान के मशहूर मुग़ल बादशाह हुमायूँ की अम्माँ का नाम माहम बेगम था। हुमायूँ के वालिद शहनशाह ज़हीर उद्दीन बाबर ने अपनी रफ़ीक़-ए-हयात को शादी के बा'द ही से माहम कहना शुरू कर दिया था यानी चाँद। बहुत ही ख़ूबसूरत थीं न हुमायूँ की अम्माँ, इसी लिए नन्हा हुमायूँ बीमार होता तो लगता अम्माँ-बी ख़ुद बीमार हो गई हैं, दिन-रात अपने प्यारे बेटे की देख-भाल करती थीं, आगरा के लोग माहम बेगम की बहुत इज़्ज़त करते थे और सब उन्हें प्यार से अम्माँ कहते थे। अम्माँ माहम बेगम भी शह्र के लोगों का बहुत ख़्याल रखती थीं। हर तेहवार पर, वो तेहवार हिंदुओं का हो या मुस्लमानों का, पूरे क़िले पर चराग़ रौशन करातीं, मिठाईयाँ तक़सीम करातीं, शह्र भर के बच्चों को बुलातीं ताकि वो नन्हे हुमायूँ के पास आ कर खेलें और ख़ूब मिठाईयाँ खाईं। अम्माँ माहम बेगम को बच्चों से बेहद प्यार था।
क़िले में जो बच्चे आते उनमें एक बहुत ही प्यारा सा बच्चा था मोटू। बहुत मोटा था और ख़ूब खाता था इसीलिए उसका नाम मोटू हो गया था। अम्माँ माहम बेगम और हुमायूँ दोनों मोटू को बहुत पसंद करते थे। नन्हा मोटू अक्सर आता और हुमायूँ के साथ खेलता दोनों दोस्त बन गए थे। हाँ, हुमायूँ अक्सर कहता, “मोटू खाना कम खाया कर वरना पेट फट जाएगा।”
मोटू के बाप का नाम हीरा था जो दूध फ़रोख़्त किया करता था और उसी से गुज़ारा करता था, नन्हे मोटू की सबसे अच्छी सवारी भैंस थी, वो दिन भर भैंस के ऊपर बैठ कर अपने पिता जी की भैंसों को चराता था, नदी पार जो खेत था मोटू वहीं अपनी भैंसों को चुराता था और नन्हा हुमायूँ और उसकी अम्माँ माहम बेगम दोनों क़िले के ऊपर से बहुत दूर से उसे देखते और ख़ुश होते थे।
मोटू को क़िले में इतना प्यार मिला कि उसके आने-जाने की किसी क़िस्म की रुकावट न थी, वो जब चाहता नन्हे हुमायूँ से मिलने आ जाता, अम्माँ माहम बेगम उसे अपने हाथों से खाना ख़िलातीं, उसी तरह कि जिस तरह अपने बेटे हुमायूँ को खिलाती थीं।
आहिस्ता-आहिस्ता हुमायूँ और मोटू दोनों बड़े होते गए, वक़्त तेज़ी से गुज़रता गया, एक दिन हुमायूँ ने ज़िद की कि वो मोटू के साथ खेत पर जाएगा और मोटू की तरह किसी भैंस पर बैठेगा, हुमायूँ शहज़ादा था बहुत अच्छा घुड़-सवार बन रहा था लेकिन भैंस पर भी बैठना चाहता था। अम्माँ माहम बेगम ने इजाज़त दे दी, हुमायूँ बहुत ख़ुश हो गया, चंद सिपाहियों की निगरानी में खेत पर पहुँचा। मोटू अपनी भैंस पर लेटा मस्ती मार रहा था। मोटू हुमायूँ को देख कर बहुत ख़ुश हो गया, भैंस से नीचे उतर आया और सिपाहियों की मदद से हुमायूँ भैंस पर चढ़ गया। अब तो उसकी ख़ुशी मत पूछो। उसे ये सवारी बहुत अच्छी लग रही थी, मोटू दूसरी भैंस पर बैठ गया, और दोनों मस्त खेलते रहे।
जब ख़ूब खेल चुके तो अपनी-अपनी भैंसों से नीचे उतरे।
ऐसा हुआ बच्चो कि हुमायूँ जैसे ही नीचे उतरा एक ज़हरीले साँप ने उसे डस लिया और हुमायूँ की हालत ख़राब होने लगी। सिपाहियों की समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करें, मोटू ने जब अपने दोस्त की ये हालत देखी तो फ़ौरन अपनी क़मीस फाड़ डाली और हुमायूँ की टाँग पर ज़ख़्म के ऊपर-नीचे दो पट्टियाँ कस कर बाँध दीं ताकि ज़ह्र न फैले। मोटू की तेज़ी और चुसती देख कर सिपाही भी हैरान रह गए।
हुमायूँ को क़िले लाया गया। मोटू भी साथ साथ आया। शाही हकीम साहब आए, उन्होंने ईलाज किया और हुमायूँ अच्छा हो गया। शाही हकीम साहब ने अम्माँ माहम बेगम से कहा, “अगर मोटू ने उस वक़्त हुमायूँ के पाँव पर पट्टियाँ न बाँधी होतीं तो ज़ह्र पूरे जिस्म में फैल जाता, ये भैंस वाला मोटू बहुत ज़हीन और होशयार है।”
अम्माँ माहम बेगम और शहनशाह बाबर दोनों मोटू से बहुत ख़ुश हुए, मोटू को अपने क़िले में रख लिया, उसकी ता'लीम-ओ-तर्बीयत का इंतिज़ाम किया और उसका हर तरह से ख़्याल रखना शुरू किया।
जब शहनशाह बाबर का इंतिक़ाल हो गया और हुमायूँ बादशाह बना तो अम्माँ माहम बेगम ने हुमायूँ को याद दिलाया कि किस तरह खेत में नाग ने उसे काटा था और किस तरह मोटू ने पट्टियाँ बाँध कर उसकी ज़िंदगी बचाई थी। हुमायूँ को वाक़िआ याद था। वो मोटो को बहुत प्यार करता था और उसे अपना दोस्त समझता था, हुमायूँ ने पूछा, “अम्माँ बेगम में मोटू के लिए क्या करूँ?”
अम्माँ बेगम ने कहा, “मोटू को अपना ज़ाती सिपह-सालार बना लो, वो तुम्हारा सच्चा दोस्त है।”
हुमायूँ ने फ़ौरन हुक्म-नामा जारी किया, मोटू शहनशाह हुमायूँ का ज़ाती सिपह-सालार बन गया, अम्माँ बेगम बहुत ख़ुश हुईं और अपने दोनों बेटों को ख़ूब प्यार किया।
हुमायूँ ने मोटू से कहा, “देखो मोटू, खाना ज़्यादा खाओगे तो और भी मोटे हो जाओगे, दौड़ में सिपाही आगे निकल जाएँगे और सिपह-सालार पीछे रह जाएगा।” सब हँसने लगे...
जानते हो बच्चो, यही मोटू सिपह-सालार बसावन के नाम से मशहूर हुआ और जाने कितने दुश्मनों को शाही फ़ौज का सरदार बन कर शिकस्त दी। हुमायूँ और बसावन उर्फ़ मोटू के प्यार की कहानी भला कौन भूल सकता है।
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