Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Khwaja Razi Haidar's Photo'

ख़्वाज़ा रज़ी हैदर

1946 | कराची, पाकिस्तान

समकालीन पाकिस्तानी शायर

समकालीन पाकिस्तानी शायर

ख़्वाज़ा रज़ी हैदर

ग़ज़ल 15

अशआर 5

आईने में और आब-ए-रवाँ में था तिरा अक्स

शायद कि मिरा दीदा-ए-तर तेरी तरफ़ था

कब तक बाद-ए-सबा तुझ से तवक़्क़ो रक्खूँ

दिल तमन्ना का शजर है तो हरा हो भी चुका

  • शेयर कीजिए

गुज़री जो रहगुज़र में उसे दरगुज़र किया

और फिर ये तज़्किरा कभी जा कर घर किया

नहीं एहसास तुम को राएगानी का हमारी

सुहुलत से तुम्हें शायद मयस्सर हो गए हैं

मैं ने पूछा कि कोई दिल-ज़दगाँ की है मिसाल

किस तवक़्क़ुफ़ से कहा उस ने कि हाँ तुम और मैं

पुस्तकें 8

 

वीडियो 6

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

ख़्वाज़ा रज़ी हैदर

चराग़-ए-बज़्म तिरी मंसबी है कितनी देर

ख़्वाज़ा रज़ी हैदर

वक़्त अजीब आ गया मंसब-ओ-जाह के लिए

ख़्वाज़ा रज़ी हैदर

ऐसा कर सकते थे क्या कोई गुमाँ तुम और मैं

ख़्वाज़ा रज़ी हैदर

वक़्त अजीब आ गया मंसब-ओ-जाह के लिए

ख़्वाज़ा रज़ी हैदर

सर-निगूँ दिल की तरह दस्त-ए-दुआ हो भी चुके

ख़्वाज़ा रज़ी हैदर

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए