शहबाज़ रिज़्वी के शेर
मिरी ज़मीन पे फैला है आसमान-ए-अदम
अज़ल से मेरे ज़माने पे इक ज़माना है
इक रोज़ इक नदी के किनारे मिलेंगे हम
इक दूसरे से अपना पता पूछते हुए
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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