Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Wasi Shah's Photo'

पाकिस्तान की नई उर्दू शायरी का एक मशहूर नाम, ख़ास तौर पर अपनी ग़ज़लों के लिए

पाकिस्तान की नई उर्दू शायरी का एक मशहूर नाम, ख़ास तौर पर अपनी ग़ज़लों के लिए

वसी शाह

ग़ज़ल 53

नज़्म 6

अशआर 16

जो तू नहीं है तो ये मुकम्मल हो सकेंगी

तिरी यही अहमियत है मेरी कहानियों में

तुम्हारा नाम लिखने की इजाज़त छिन गई जब से

कोई भी लफ़्ज़ लिखता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं

पहले तुझे बनाया बना कर मिटा दिया

जितने भी फ़ैसले किए सारे ग़लत किए

  • शेयर कीजिए

हर इक मुफ़लिस के माथे पर अलम की दास्तानें हैं

कोई चेहरा भी पढ़ता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं

हर एक मौसम में रौशनी सी बिखेरते हैं

तुम्हारे ग़म के चराग़ मेरी उदासियों में

पुस्तकें 2

 

वीडियो 8

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

वसी शाह

वसी शाह

Wasi Shah reading his poetry at a mushaira

वसी शाह

आँखों से मिरी इस लिए लाली नहीं जाती

वसी शाह

बाँध लें हाथ पे सीने पे सजा लें तुम को

वसी शाह

ये कामयाबियाँ इज़्ज़त ये नाम तुम से है

वसी शाह

समुंदर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं

वसी शाह

ऑडियो 23

अपने एहसास से छू कर मुझे संदल कर दो

अपना तो चाहतों में यही इक उसूल है

अब जो लौटे हो इतने सालों में

Recitation

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए