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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : सिब्त अली सबा

प्रकाशक : अननोन आर्गेनाइजेशन

मूल : पाकिस्तान

प्रकाशन वर्ष : 2009

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 145

सहयोगी : अहमद जकरिया

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पुस्तक: परिचय

سید سبط علی صبا کی شخیت میں سادگی کی ساتھ ساتھ ایک اکھڑپن بھی نظر آتا ہے اور کم وبیش یہی وصف ان کی شاعری میں بھی دیکھی جاتی ہے۔ ان کے مجموعہ کلام 'ابر سنگ' کی شاعری میں روزمرہ کے تجربے اور اخلاقی ناقدری پر ان کی جھنجھلاہٹ کو شدت کے ساتھ محسوس کیا جا سکتا ہے۔

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लेखक: परिचय

सिब्ते अली सबा 11 नवंबर 1935 को सियालकोट में पैदा हुए. आरंभिक शिक्षा रुड़की (भारत) और सियालकोट में प्राप्त की. 1953 में पाकिस्तानी फ़ौज में शामिल हुए. उम्र के आखिरी दिनों में पाकिस्तान आर्डिनेंस फैक्ट्रीज वाघा कैंट में मुलाज़िम रहे. 14 मई 1980 को देहांत हुआ. देहांत के बाद उनका काव्य संग्रह ‘तश्त-ए-मुराद’ के नाम से अख़बार प्रकाशित हुआ.
सिब्ते अली सबा ने कई ऐसे शे’र कहे हैं जो कहावत के रूप में प्रचलित हो गये हैं. इसके अलावा भी उनकी शाइरी ज़िन्दगी के नये रंगों की सैर का रूपक है.

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