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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : बेदिल अज़ीमाबादी

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : राम नरायन लाल, इलाहाबाद

प्रकाशन वर्ष : 1942

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शोध एवं समीक्षा, शाइरी

उप श्रेणियां : शायरी तन्क़ीद, संकलन

पृष्ठ : 116

सहयोगी : ज़हरा क़ादिरी

अशआर-ए-ग़ालिब
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पुस्तक: परिचय

غالب اور کلام غالب کو عالمی سطح پر شہرت حاصل ہے۔غالب ایک ایسے شاعر ہیں ،جن کاکلام مختلف خصوصیات کی وجہ سے منفرد اور اہم ہے۔مضمون آفرینی،متنوع موضوعات ،زور بیان اور دلکش زبان،سادہ و مشکل الفاظ کا التزام،روایت و جدت کا حسین امتزاج ،انسانی جذبات،مشاہدات اور تجربات کی خوبصورت پیش کش،صنائع و بدائع کا اہتمام ان کی غزلیہ کلام کی وہ خوبیاں ہیں جو انھیں دیگرمعاصرین میں نمایاں مقام عطا کرتی ہیں۔کلام غالب پراکثر سخن فہموں نے علمی اور تنقیدی مقالے لکھے ہیں۔غالب کے اشعار کی مختلف شرحیں بھی لکھی گئی ہیں۔محاسن غالب پر بھی کئی مضامین اور کتابیں شائع ہوچکی ہیں۔زیر نظرکتاب کلام غالب کے متعلق مختلف سخن سنجوں کی رایوں کا خلاصہ اور غالب کے منتخبہ اشعار پرمشتمل ہے۔جوبالخصوص طلبہ اور اہل اردو کی مسابقتی امتحانات اور نصاب کی ضرورتوں کے پیش نظر ترتیب دی گئی ہے۔

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लेखक: परिचय

बेदिल अज़ीमाबादी एक जुलाई 1907 को आरा (बिहार) में पैदा हुए. उनका असल नाम अब्दुल मन्नान था. कलकत्ता में शिक्षा प्राप्त की. पहले मदरसा आलिया कलकत्ते में अंग्रेज़ी के उस्ताद की हैसियत से नियुक्ति हुई फिर आपकी सेवाएँ बिहार सरकार को दे दी गईं. 1949 तक सरकार के शिक्षा विभाग में काम करते रहे. शायरी में वहशत कल्कत्वी के शागिर्द रहे. 19 अप्रैल 1982 को पटना में देहांत हुआ.
बेदिल ने ग़ज़ल के अलावा रुबाईयां भी कहीँ और क़ते’ भी लेकिन उनकी पूरी शायरी पर ग़ज़ल का पारम्परिक रँग व आहंग छाया हुआ है. इश्क़ व आशिक़ी से सम्बद्ध विषयों के वर्णन में उन्होंने जिस भावनात्मक वेग से काम लिया है उसने उनकी शायरी को बहुत प्रभावी बनाया है. बेदिल का काव्य संग्रह ‘नवाए बेदिल’ के नाम से प्रकाशित हुआ.

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