aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
زیر تبصرہ کتاب خورشید الاسلام کا شعری مجموعہ ہے، مظفر حنفی نے اس مجموعہ کا پیش لفظ تحریر کیا ہے، جس میں انہوں نے خورشید الاسلام کی شاعری پر گفتگو کی ہے، اس کے بعد سوانحی نوٹ کے عنوان سے خورشید الاسلام کے سوانحی کوائف کو پیش کیا گیا ہے، جس کو خورشید الاسلام نے ہی سپرد تحریر کیا ہے، مجموعہ کے شروع میں منظوم دیباچہ ہے، جس میں حضرت علی اور حضرت حسین رضی اللہ عنھم کی تعریف کی گئی ہے، اس کے بعد ایک طویل حمد ہے، مجموعہ غزلوں پر مشتمل ہے، غزلوں میں استفہام کا وہ خوبصورت سلسلہ بھی بخوبی نظر آتا ہے، جو غالب کی غزلوں کا امتیازی وصف ہے، کائنات کے اسرار و احوال کو بخوبی پیش کیا گیا ہیں، انسانی مزاج و فطرت کی عکاسی کی گئی ہے، تلیمحات بھی بعض اشعار میں بخوبی استعمال کی گئی ہیں، خورشید الاسلام کی غزلوں کے موضوعات انفرادیت کے حامل ہیں، جو ان کی فکر بلندی سے بخوبی واقف کراتے ہیں۔
अदब में कम लोग ऐसे होते हैं जो स्रजनात्मक और आलोचनात्मक दोनों स्तर पर एक ही पहचान और स्थान रखते हैं. ख़ुर्शीद उल इस्लाम उन्हीं लोगों में से हैं. आलोचना और रचना दोनों ही मैदान में ख़ुर्शीद उल इस्लाम ने अहम कारनामे अंजाम दिये हैं. उनकी किताब ‘ग़ालिब तक़लीद और इज्तिहाद’ और आलेखों का संग्रह ‘तन्कीदें’ महत्वपूर्ण आलोचनात्मक पुस्तकों के रूप में देखी गयी हैं. इन किताबों ने अपने समकालिकों में ख़ुर्शीद उल इस्लाम की पहचान एक आलोचक के रूप में बनाई. ख़ुर्शीद उल इस्लाम की आलोचना शैली और चिंतन का ढंग अब्दुर रहमान बिजनौरी और शिब्ली नोमानी के सामान है. ख़ुर्शीद उल इस्लाम का रचनात्मक चिंतन भी उतना ही अहम है. उन्होंने नज़्में और ग़ज़लें दोनों ही कही हैं. उनकी शाइरी और ख़ासकर नज़्मों में एक गहरी दार्शनिक चिंतन दौड़ती हुई नज़र आती है. ‘शाखे
निहाल-ए-ग़म’ के नाम से काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ.
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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