aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
کشور ناہید پاکستان کی ادبی حلقوں میں ایک نمایاں مقام رکھتی ہیں۔ وہ ایک حساس دل کی مالک ہیں، ملک کے سیاسی اور سماجی حالات پر اُن کی گہری نظر ہے ۔ ان کا پہلا شعری مجموعہ ۱۹۶۸ میں منظر عام پر آیا تھا جس کی خوب پذیرائی ہوئی تھی۔اس کے بعد متعدد مجموعے شائع ہوئے۔ زیر نظر کلیات ان کے آٹھ مجموعوں پر مشتمل ہے ۔ ان میں غزلیں، نظمیں، قطعات اور دوھے وغیرہ شامل ہیں۔ محترمہ ناہید کی ان تخلیقات کا مطالعہ کرنے سے اندازہ ہوتا ہے کہ لفظوں اور ترکیبوں کی تراش پر توجہ بھرپور دی گئی ہے، لہجے میں گھلاوٹ ، تفکر اور دلسوزی ہے۔ مجموعہ کا مطالعہ کرنے سے حالات حاضرہ اور سماج کے بدلتے رخ کا اشارہ ملتا ہے ۔
किश्वर नाहीद पाकिस्तान की एक समादृत शायरा हैं। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से अर्थशास्त्र में एम.ए. की डिग्री हासिल की है। वह एक अत्यधिक सृजनशील लेखिका हैं, और उनकी शायरी के 12 संग्रह पाकिस्तान और भारत से प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी उर्दू शायरी विदेशों में भी प्रकाशित हुई है। उन्होंने बच्चों के लिए भी आठ पुस्तकें लिखी हैं और बच्चों के साहित्य के लिए प्रतिष्ठित यूनेस्को पुरस्कार जीता है। बच्चों के प्रति उनका प्रेम उतना ही है जितना कि महिलाओं के प्रति उनकी चिंता। वह इस चिंता को अपनी कविता "असिन बुरियाँ वे लोको" में व्यक्त करती हैं, जो वर्तमान पुरुष-प्रधान समाज में महिलाओं की दुर्दशा पर एक मार्मिक ध्यान केंद्रित करती है। किश्वर नाहीद की शेर-ओ-शायरी में उनकी लोकप्रिय किताबें जैसे “लब-ए-गोया”, “बेनाम मुसाफ़त”, “गलियाँ, धूप, दरवाज़े”, “बुरी औरत की कथा”आदि शामिल हैं।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Get Tickets