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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : बेदिल अज़ीमाबादी

प्रकाशक : मुंशी नवल किशोर, लखनऊ

मूल : लखनऊ, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1875

भाषा : Persian

श्रेणियाँ : शाइरी, मुंशी नवल किशोर के प्रकाशन

उप श्रेणियां : दीवान

पृष्ठ : 76

सहयोगी : सुमन मिश्रा

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पुस्तक: परिचय

مرزا عبد القادر بیدل ہندوستان میں فارسی زبان کے مشہور ترین شعرا میں سے ایک ہیں۔ بیدِل سخن فہمی و سخن سنجی کی خُداد اد و غیر معمولی صلاحیت رکھتے تھے. بیدل نے کم و بیش معاشرے کے ہر موضوع پر شعر کہے ہیں اور مشرق کی تاریخ و تہذیب پر ان کی نظر سب سے جدا ہےانہوں نے پسے ہوئے طبقات کے ہر پہلوکو موضوع بنایا اور اپنی فکری تہذیبی وابستگی کے ساتھ شعر کہے۔ بد قسمتی سے بر صغیر میں بیدل کو محض ایک خانقاہی شاعر بنا کر رکھ دیا گیا۔ بھلے بیدل کی شاعری کا ایک بڑا حصہ وحدت الوجودی ہے لیکن انہوں نے وحدت الوجود میں بھی انسان کی عظمت کا اثبات کیا ہے ان کی وجودی فکر ہمارے تمام کلاسیک اردو فارسی اور پنجابی شعرا سے مختلف ہی نہیں بلکہ فنی و فکری تہذیبی رچاو میں بیدل یگانہ روزگار ہیں ،زیر نظر کتاب بید ل کا فارسی دیوان ہے ، اس دیوان کو فارسی ادب میں گلستان سعدی ، مثنوی معنوی اور دیوان حافظ کے برابر اہمیت دی جاتی ہے۔

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लेखक: परिचय

बेदिल अज़ीमाबादी एक जुलाई 1907 को आरा (बिहार) में पैदा हुए. उनका असल नाम अब्दुल मन्नान था. कलकत्ता में शिक्षा प्राप्त की. पहले मदरसा आलिया कलकत्ते में अंग्रेज़ी के उस्ताद की हैसियत से नियुक्ति हुई फिर आपकी सेवाएँ बिहार सरकार को दे दी गईं. 1949 तक सरकार के शिक्षा विभाग में काम करते रहे. शायरी में वहशत कल्कत्वी के शागिर्द रहे. 19 अप्रैल 1982 को पटना में देहांत हुआ.
बेदिल ने ग़ज़ल के अलावा रुबाईयां भी कहीँ और क़ते’ भी लेकिन उनकी पूरी शायरी पर ग़ज़ल का पारम्परिक रँग व आहंग छाया हुआ है. इश्क़ व आशिक़ी से सम्बद्ध विषयों के वर्णन में उन्होंने जिस भावनात्मक वेग से काम लिया है उसने उनकी शायरी को बहुत प्रभावी बनाया है. बेदिल का काव्य संग्रह ‘नवाए बेदिल’ के नाम से प्रकाशित हुआ.

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