Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : नातिक़ गुलावठी

संपादक : मोहम्मद अब्दुल हलीम

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : मोहम्मद अब्दुल हलीम

मूल : नागपुर, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1976

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : दीवान

पृष्ठ : 233

सहयोगी : ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी, पटना

deewan-e-natiq
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

पुस्तक: परिचय

یہ دیوان ناطق کا ہے۔ ان کا پورا نام سید ابو الحسن ناطق تھا۔ آبائی پور پر آپ بلند شہر کے باسی تھے لیکن بہت پہلے مہاراشٹر ہجرت کر گئے۔ یوں آپ کا تعلق ریاست مہاراشٹر کے ناگپور علاقے سے ہی مانا جاتا ہے۔ اردو ادب کی مرکزی ادبی تاریخ میں ان کا ذکر نہیں ملتا ہے۔ تاہم محمد عبد العلیم صاحب کی کاوشوں سے ان کا یہ دیوان مرتب ہو پایا۔ ان کا کافی کلام وقت کے ہاتھوں ضائع بھی ہو گیا۔ یہ خوش آئند بات ہے کہ اس طرح کی کاوشوں سے اردو کے بہت سارے گمنام شعرا بھی سامنے آ جاتے ہیں جنہیں تاریخ میں جگہ نہیں مل سکی۔

.....और पढ़िए

लेखक: परिचय

नातिक़ गुलावठी, सय्यद अबुल-हसन (1886-1969) कामटी (महाराष्ट्र) में पैदा हुए मगर उन का घराना गुलावठी, मेरठ (उत्तर प्रदेश) का था। दारुलउलूम (इस्लामी विश्वविद्यालय), देवबन्द में शिक्षा प्राप्त की। हकीम भी थे। मिर्ज़ा‘ दाग़’ देहलवी के शागिर्द। नागपुर म्युनिसिपल कमेटी और केंद्रीय असम्बली के सदस्य रहे। मिर्ज़ा‘ग़ालिब’ के दीवान की शर्ह (व्याख्या) भी लिखी।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए