Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : क़द्र बिलग्रामी

संपादक : मोहम्मद नसीम

प्रकाशक : मोहम्मद नसीम

प्रकाशन वर्ष : 1983

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : दीवान

पृष्ठ : 154

सहयोगी : सेंट्रल लाइब्रेरी ऑफ़ इलाहबाद यूनिवर्सिटी, इलाहबाद

intikhab-e-deewan-e-qadr bilgarami
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

पुस्तक: परिचय

پیش نظر قدر بلگرامی کا دیوان ہے۔ قدر کا اصل نام سید غلام حسین تھا اور قدر تخلص تھا۔ قصبہ بلگرام میں پید اہوئے، ابتدائی تعلیم یہیں حاصل کی۔ قدر بچپن سے ہی ذہین و فطین تھے۔ واجد علی شاہ کے عہد میں لکھنو آئے، یہاں کے ادبی ماحول نے قدر کو شعر و شاعری کی طرف مائل کیا۔ امان علی سحر سے فن شعر کے اسرار و رموز سیکھے۔ جلد ہی شعری فن میں ماہر ہوگئے۔ قدر کو علم عروض اور تاریخ گوئی میں بھی مہارت حاصل تھی۔ قدر کے کلام میں غالب، سحر اور میر انیس کے کلام کے اثرات نمایاں ہیں۔ انھوں نے تقریبا ہر صنف سخن میں طبع آزمائی کی ہے۔ پیش نظر قدر کے دیوان کا انتخاب ہے۔ جس کو محمد نسیم خاں نے اپنے مبسوط اور مستند مقدمے کے ساتھ مرتب کیا ہے۔ اس مقدمے میں قدیر کی ولادت، حالات زندگی، شعرگوئی کی ابتدا، عہد قدر کا ادبی، سماجی ماحول، اساتذہ کرام، پر مفصل معلومات فراہم کرتے ہوئے، کلام قدر کا تجزیاتی مطالعہ بھی پیش کیا گیا ہے۔

.....और पढ़िए

लेखक: परिचय

क़द्र बिलग्रामी, सय्यद ग़ुलाम हसनैन (1833-1884) क़द्र की सारी ज़िंदगी भाग-दौड़ में गुज़री। आबाई क़स्बे बिलगराम (फ़र्रुख़ाबाद) में शुरूआ’ती ता’लीम के बा’द लखनऊ जा पहुँचे जहाँ शेख़ अमान अ’ली के शागिर्द हुए। लखनऊ की तबाही के बा’द इधर उधर भटकते देहली पहुँचे जहाँ मिर्ज़ा ग़ालिब के शागिर्दी में आए। फिर उस्ताद के भतीजे मिर्ज़ा अब्बास बेग की सिफ़ारिश पर हरदोई के एक स्कूल में फ़ारसी के उस्ताद मुक़र्रर हुए। बा’द में उन्हीं की सिफ़ारिश पर केनिंग कालेज लखनऊ में पढ़ाने लगे। 1884 में निज़ाम हैदराबाद उन्हें 400 रूपए माहाना की तन्ख़्वाह पर हैदराबाद ले गए, मगर वहाँ जाते ही बीमार पड़ गए और लखनऊ आ कर आख़िरी साँस ली।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए