aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
زیر تبصرہ کتاب "اسماعیل میرٹھی حیات و خدمات" ڈاکٹر سیفی پریمی کی تصنیف ہے، جس میں اسماعیل میرٹھی کے سوانحی حالات اور شخصیت و کردار کے ساتھ ادبی اور سیاسی ماحول کو پیش کیا گیا ہے، ان کی شاعری کے موضوعات اور خوبیاں بیان کی گئی ہیں، اسماعیل میرٹھی کی جدید شاعری کے عناصر واضح کئے گئے ہیں، بچوں کے ادب میں ان کی خدمات پر تفصیلی گفتگو کی گئی ہے، اسماعیل میرٹھی کی نثر نگاری پر بھی گفتگو کی گئی ہے، اور نثری نمونے بھی پیش کئے گئے ہیں، جن میں تقریر، مکتوب اور دیباچہ وغیرہ شامل ہیں، یہ کتاب اردو ادب میں اسماعیل میرٹھی کے مقام کا تعین کرتی ہے۔
सैफ़ी प्रेमी प्रगतिशील आन्दोलन से जुड़े अहम शायरों और कहानिकारों में हैं। बदायूँ के क़स्बे गन्नौर में 2 जनवरी 1913 को पैदा हुए। बदायूँ में आरम्भिक शिक्षा प्राप्त की। विद्यार्थी जीवन में ही शे’रो शायरी से दिल-चस्पी पैदा हो गई थी। अब्र अहसन गन्नौरी से कलाम पर संशोधन कराने लगे। 1952 में प्रगतिशील आन्दोलन से जुड़े और आजीवन आन्दोलन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील रहे। वह जामिया नगर दिल्ली के अंजुमन तरक़्क़ीपसंद मुसन्नीफ़ीन की शाखा के सेक्रेट्री भी रहे। सैफ़ी की कई किताबें प्राकाशित हुई, कुछ के नाम ये हैं— ‘ख़लिश’(काव्य सग्रंह), ‘हमारे मुहावरे’, ‘मंज़िलें प्यार की’ (उपन्यास), ‘जिगर बरेलवी शख़्सियत और फ़न’, ‘हयात-ए-इस्माईल मेरठी’, ‘आधी घड़ी’ (उपन्यास-हिन्दी से अनुवाद), प्रगतिवादी शायर और कथाकार, आन्दोलन के सक्रिय सदस्यों में शामिल।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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