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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : सैफ़ुद्दीन सैफ़

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : नया इदारा, लाहौर

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 128

सहयोगी : ग़ालिब अकेडमी, देहली

kham-e-kakul
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पुस्तक: परिचय

سیف الدین سیف پاکستان کے معروف شاعر نغمہ نگار، مکالمہ نگار ، اسکرپٹ رائیٹر اور فلمساز تھے۔ انھوں نے فلموں سے وابستگی کے باوجود اپنا تعلق اردو شاعری سے بحال رکھا، شاعری میں نظمیں اور غزلیں لکھی ہیں۔ زیر مطالعہ سیف الدین سیف کا "خم کاکل" شعری مجموعہ ہے۔ جس میں ان کی غزلیں اور رباعیا ت شامل ہیں۔ان کا کلام سماج کے مسائل اور زندگی کی حقائق کا آئینہ ہے۔ ان کا کلام ندرت افکار کی وجہ سے بھی دلکش اور موثر ہے۔ سیف کی شاعری ندرت الفاظ اور معنی آفرینی کی باعث بھی قارئین کو متوجہ کرتی ہے۔

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लेखक: परिचय

सैफ़, सैफ़ुद्दीन (1922-1993) नए विचार-जगत और भाव-संसार की हलचलों को शाइरी बनाने वाले शाइरों में शामिल। नौजवानी में तेज़ मिज़ाजी इतनी थी कि किसी राजनैतिक समस्या पर कहासुनी हुई तो कालेज छोड़ दिया और पढ़ाई से भी हाथ धो लिया। काम की तलाश में फ़िल्मी दुनिया तक पहुँचे और उसी के हो गए। अमृतसर में पहली और लाहौर में आख़िरी साँस ली।

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