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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : अब्दुल क़ादिर बेदिल

प्रकाशक : मतबा अहमदी, अलीगढ़

मूल : नई दिल्ली, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1861

भाषा : Persian

श्रेणियाँ : शाइरी, सूफ़ीवाद / रहस्यवाद

उप श्रेणियां : कुल्लियात, शायरी

पृष्ठ : 591

सहयोगी : जामिया हमदर्द, देहली

kulliyat-e-bedil
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पुस्तक: परिचय

ابوالمعانی میرزا عبدالقادر بیدل کا شمار ہندوستان کے مشہور ترین فارسی شعراء میں کیا جاتا ہے ،بیدل کا کلام بہت ہی اعلیٰ معیار کا تھا۔ مرزا بیدل کے لاجواب کلام اور فن شاعری سے غالب جیسے فکر رسا رکھنے والے لوگ بھی متاثر هوئے بغیر نہ ره سکے۔ غالب بیدل کی فارسی گوئ کے دل سے قائل تھے۔ چنانچہ غالب نے انہی کے اسلوب کو اردو میں اختیار کیا۔ جس کا اظہار غالب کے اس شعر سے بخوبی هوتا ہے: طرز بیدل میں ریختہ لکھنا، اسد الله خاں قیامت ہے۔ زیر نظر مرزا بیدل کے کلیات کی جلد دوم ہے۔

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