aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
شہر حیدرآباد کے معروف انقلابی شاعر مخدوم محی الدین ہیں۔انھوں نے ترقی پسند تحریک کی حمایت میں انقلابی شاعری کی۔مخدوم زود گو شاعر ہیں۔انھوں نے زیادہ تر نظم نگاری میں طبع آزمائی کی ہے۔جس میں جدوجہد آزادی ،مزدورطبقہ کے مسائل اور انقلابی موضوعات کو بیان کیا ہے۔ان کے تین شعری مجموعہ "سرخ سویرا،گل تر اور بساط رقص" اپنی بہترین نظموں کے باعث قارئین کو متوجہ کرنے میں کامیاب ہیں۔ پیش نظر مخدوم محی الدین کی نظموں کا انتخاب ہے۔
मख़्दूम मोहीउद्दीन, अबू सईद मोहम्मद मख़्दूम मोहीउद्दीन हज़री (1908-1969) प्रगतिशील आन्दोलन से संबंधित प्रमुखतम शाइरों में शामिल, जिन्होंने क्राँतिकारी विचारों और रूमानियत के मेल से दिमाग़ और दिल दोनों का छूने वाली शैली पैदा की और लोकप्रियता का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। हैदरबाद के एक मज़हबी घराने में जन्म। उस्मानिया युनिवर्सिटी में उर्दू के लेक्चरर रहे। कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल होने के कारण नौकरी छोड़नी पड़ी। जेल गए और विधायक चुने गए। उन के कई प्रेम-प्रसंग मशहूर हैं। उन की शाइरी फ़िल्मों में भी इस्तेमाल की गई।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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